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________________ महाकवि समयसुंदर का साहित्य अत्यन्त विशाल है, उनके सम्बन्ध मे हमने गत ३५ वर्षों में पर्याप्त शोध की है, फिर भी नवीन शोध करने पर कुछ न कुछ प्राप्ति होती ही रहती है। यहीं सीमित स्थान में उनके साहित्य का विस्तृत विवेचन देना सम्भव नहीं है। हमने समयसुन्दर कृति कुसुमांजलि का सम्पादन कर प्रकाशन किया है, जिसमें महोपाध्याय विनयसागरजी द्वारा लिखित 'महोपाध्याय समयसुन्दर' निवन्ध व उनकी अव तक प्राप्त ५६३ लघु कृतियां दे दी हैं। सादूल राजस्थान रिसर्च इन्स्टीट्यूट, बीकानेर से प्रकाशित समयसुन्दर रास पंचक में उनके ५ रास सार सहित दे दिये है, मृगावती रास के सार रूप "सती मृगावती" पुस्तक लगभग ३५ वर्ष पूर्व प्रकाशित की थी। अब सीताराम चौपई नामक कविवर की विशिष्ट कृति को राससार सहित प्रकाशित करते अत्यन्त हर्प हो रहा हैं। पाठकों को कविवर की कृतियों का रसास्वादन करने के लिए समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि ग्रंथ अवश्य अवलोकन कर अपने नित्य के भक्ति क्रम में सम्मिलित करना चाहिए। प्रो० फूलसिंह हिमाशु ने सीताराम चौ० का संक्षिप्त परिचय मरुभारती वर्प ७ अंक १ में प्रकाशित किया था जिसे यहाँ साभार प्रकाशित किया जा रहा है। मणिधारी जयन्ती -अगरचन्द नाहटा मा० तु० १४, स० २०२० -~-मॅवरलाल नाहटा
SR No.010706
Book TitleSitaram Chaupai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherSadul Rajasthani Research Institute Bikaner
Publication Year1952
Total Pages445
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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