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________________ १ ढाल पहली कइयइ पूजि पधारित्यइ, ए गीत नी ढाल पटरागी इम चितवइ, जोयउ २ रे राजा नी वात । नवजुवोन अतेउरी, तेडी २ रे मन मांहि सुहात ॥१॥ वीसारी मु नइ वालहइ, हुं मरिस्युरे करिस्युअांपघात । धूडि जीव्यु हिव माहरु , मइ तउ इवडु रे दुख सह्य न जात ॥२॥वी०॥ हु गरढी बूढी थयइ न सुहाणी रे राजा नइ तेरिण । पण न गणयउ मुझ कायदउ सू सलीधउरे अत्र पाणी लेरिण ॥३॥वी कुजस थयां जीवइ जिक, वलि जीवड रे पराभव दी। वाल्हेसर थीवीछड्यां, जे जीवइ रे ते माणस धीठ ॥३॥ राणी कोपातुर थकी, लेवा मांडी रे जेहवइ गलइ पासि । हाहाकार हुयउ तिस्यउ, रोयइ पीटइ रे पासइ रही दासि ॥२॥ वी० राय कोलाहल साभली, द्रउडो प्राव्यउ रे राणी नइ संगि। हाहा ए तु स्यु करइ, ताणी लीधा रे आपणइ.उछंगि ॥६॥ वी० तु कोपी किरण कारणइ, राय पूछइ रे आग्रह करी जाम । परमारथ राणी कहइ, ते आयउ रे नर तेडण ताम ।।७।। वी०॥ तेउ परि राजा कुप्यउ, कहइ मउडउ रे तुआव्यउ केम। जरा करी थयउ जाजरउ, ऊजानउ रे हुं नान्यउ तेम 10 वी01 कुरण भगिनी कुरण भारिजा, कुरण नाता रे कुरण बाप नइ वीर । वृद्धपणइ वसि को नही, पोतानु रे जे पोष्यु सरीर ॥l वीol
SR No.010706
Book TitleSitaram Chaupai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherSadul Rajasthani Research Institute Bikaner
Publication Year1952
Total Pages445
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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