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________________ ३०८ ३०६ [ १४ ] सख्या कृति नाम गाथा आदि पद पृष्ठांक २५६ गूढ आशीर्वाद सवैया १ घोरी के धणी के नीके ३०७ २५७ कवित्त नुखते इकबोल कह्यो न गिनेको३०७ २५८ समस्या दोहरा हमारे देस १ एक एक ते विशेष २५४ , नैन के झरोखे बीच १ हरि सो संकेत करी ३०८ २६० सर्वतोमुख गोमुत्रिका १ अति संत गुणी २६१ नारी कुजर सवैया १ शोभतधणीजु अतिदेहको वणीहै ३१० २६२ अन्तपिका ५ आदर कारण कौन .. ३१० २६३ गील रास ६४ शील रतन जतने घरो ३११ २६४ श्रीमती चौढालिया ७२ खीर खाड मिलीया खरा ३१८ २६५ दशार्णमद्र चौपई १८ वीर जिनेसर वंदन ३२६ संस्कृत स्तोत्रादि संग्रह २६६ श्री वीर भक्तामर , ४५ राजद्धि वृद्धि भवनाद्भवने ३३७ २६७ सरस्वत्यष्टकम् ६ प्रग्वाग्देवी जगज्जनोप कृतये ३४६ २६८ श्री जिनकुशलसूर्यष्टकम् ६ यो नप्त निव सेवकानिप सदा ३५१ २६६ चनुर्विशति जिनस्तवनम् २५ स्वस्ति श्रियश्री ऋपभादि देवं ३५३ २७० व्याकरण संज्ञा म० स्त० २५ यस्तीर्थराज त्रिशलात्मजात ३५८ २५ समसंस्कृत पार्श्व० स्त० ५ संसार वारिनिधि तारक ३६१ २७२ पार्श्वनाथ लघु स्त० ७ विश्वेश्वराय भवभीति निवा० ३६२ २७३ पार्श्व जिन वृहत्स्त० १२ वाँछित दान सुद्धम तुभ्यं ३६४ २७४ चतुरक्षर पार्श्व स्त० १४ .भो भो भव्या कीर्तिस्तव्या ३६६ २७५ पार्श्व लघु स्त० ७ प्रवर पार्श्व जिनेश्वर पत्कजे ३६७
SR No.010705
Book TitleDharmvarddhan Granthavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta
PublisherSadul Rajasthani Research Institute Bikaner
Publication Year1950
Total Pages478
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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