SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 259
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ * चौबीस तीथक्करपुराण * २५५ ॥ लेते थे। वे अनेक असहाय बालकोंकी रक्षा करते थे। पुत्रकी तरह विधवा स्त्रियोंकी सुरक्षा रखते थे। उनके दृष्टिके सामने छोटे-बड़ेका भेद-भाव न था। वे अपने हृदयका प्रेम आम बाजारमें लुटाते थे जिसे आवश्यकता हो वह लूटकर ले जावे। वर्द्धभान कुमारकी कीर्ति गाथाओंसे समस्त भारतवर्ष मुखरित हो गया था। पहाड़ोंकी चोटियों और नद, नदी निझरोंके किनारोंपर सुन्दर लता गृहोंमें बैठकर किन्नर देव अपनी प्रेयसियोंके साथ इनकी कीर्ति गाया करते थे। महलांकी छतोंपर बैठकर सौभाग्यवती स्त्रियां बड़ी ही भक्तिसे उनका यशोगान करती थीं। श्री पार्श्वनाथ स्वामीके मोक्ष जानेके ढाई सौ वर्ष बाद भगवान महावीर हुए थे। इनकी आयु भी इसीमें शामिल है। इनकी आयु कुछ कम बहत्तर वर्षकी थी ॥ ॥ शरीरकी ऊँचाई सात हाथ की थी। और रंग सुवर्णके समान स्निग्ध पीत वर्णका था। जब धीरे २ उनकी आयुके तीस वर्ष बीत गये और उनके शरीरमें यौवनका पूर्ण विकास हो गया । तब एक दिन महाराज सिद्धाने उनसे कहा-'प्रिय पुत्र ! अब तुम पूर्ण युवा हो, तुम्हारी गम्भीर और विशाल आंखें उन्नत ललाट, प्रशान्त वदन, मन्द मुसकात, चतुर वचन, विस्तृत वक्षस्थल, और घुटनों तक लम्बी भुजाएं तुम्हें महापुरुष बतला रही हैं। अब खोजने पर भी तुम में वह चञ्चलता नहीं पाता हूं। अब तुम्हारा यह समय राज्य कार्य संभालने का है। मैं एक बढ़ा आदमी और कितने दिन तक तुम्हारा साथ दूंगा ? मैं तुम्हारी शादी करने के बाद ही तुम्हें राज्य देकर दुनियां की झंझटों से बचना चाहता हूं। ...... पिता के वचन सुनकर महावीर का प्रफुल्ल मुखमण्डल एकदम गम्भीर हो गया । मानों वे किसी गहरी समस्या के सुलझाने में लग गये हों । कुछ देर बाद उन्होंने कहा -'पिता जी ! यह मुझ * आपकी आयुके विषयमें दो मत हैं। एक मतमे आपकी आयु ७२ वर्षकी कही गई है और दूसरे मतमे ७१ वर्ष ३ माह २५ दिनको कहो गई है। दोनों मतोंका खुलासा जयधबलमें किया गया है। देखिये सागरकी हस्तलिखित प्रति लिपि पत्र नं०६ ओर १०
SR No.010703
Book TitleChobisi Puran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPannalal Jain
PublisherDulichand Parivar
Publication Year1995
Total Pages435
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size27 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy