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foreigक्रमणिका.
ओनो त्याग करवो, मनुष्योनी अपेक्षाए देवताओ मां विवेकनी अधिकता इत्यादि वर्णन
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३ आनंद अंबड आदि श्रावकोए करेल जिनप्रतिमा वंदननो अधिकार, चैत्य शब्दनो अर्थ प्रतिमा, दशविध वैयावृत्यनुं स्वरूप, सिद्धार्थराजा श्रेणीक महाराजा तथा महावल तथा द्रौपदी आदि श्रावक श्राविकाओए करेली जिनपूजा आदि विषयोनुं वर्णन
४ पूजामां हिंसा माननाराओना स्मृतिपथमां मुनिदान, विहार, प्रतिक्रमण, शंख, पुष्कली श्रावकना पौपध, थावच्चा पुत्रनी दीक्षा अवसरे " जे दीक्षा शे तेना घरनो निर्वाह अमे करीभुं " एवा प्रकारनी द्वारिकानगरीमां कृष्णमहाराजाए करावेली उद्घोषणा, कोणीक तथा उदायन आदि महाराजाओ करेल भगवान महावीरस्वामीनां समैयां, तुंगीया नगरीना श्रावकोना घीकर्म आदि विधानोमां समकित संवरनी करणीनी जेम श्री जिनपूजानी पण समकित संवरकरणीमां गणना
४ मिथ्यात्व गुणस्थाने पण दान शील पूजादिकथी शुभ विपाकनी प्राप्ति, श्रीऋषभदेव भगवाने प्रजाना हितार्थे लिखन शिल्प अने गणित आदि कलाओनुं दर्शावेल दिगदर्शन आदि विपयोनी उपस्थिति हेतु हिंसा स्वरूपहिंसा अनुबंध हिंसा आदि विषयोतुं वर्णन
५ शाश्वती जिनप्रतिमाओनुं वर्णन तीर्थेश्वरोना कल्याणक दिवसोमां नंदीश्वर दीप प्रमुखना जिनविंवोनी देवताओए करेल पूजानुं वर्णन
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६ साधुओए पण योगोद्वहन पूर्वक सूत्राध्ययन कर, गृहस्थने सुत्राध्ययननो सर्वथा निषेध, मूळसूत्र टीका भाष्य चूर्णी अने निर्युक्ति रूप पंचांगीनी प्रमाणता, अस्वाध्यायनुं वर्जन अने सिद्धांतोमां नेतुं बोलना पाठांतर
ग्रन्थकारनी प्रशस्ति
श्री सीमंधर स्वामीनी विनति रूप साडान्त्रणसो गाथाना स्तवननी स्थूल विषयानुक्रमणिका. विषय
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१ श्री सीमंधरस्वामीनी स्तुति, सूत्र विरुद्ध प्ररूपणा अने वर्तन करनारा, संघयण प्रमुखना दोष कहाडनारा, महाजन चाले तेनेज मार्ग माननारा, लोचा - दिक कष्टमांज जैनमार्ग माननारा, द्रव्यलिंगनेज प्रमाणभूत माननारा, मंडलने सिद्धांतानुसार सदुपदेश
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