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वीर सेवामन्दिर - ग्रन्थमाला
श्रीमत्स्वामि-समन्तभद्राचार्य- विरचित
चतुर्विंशति- जिन-स्तवनात्मक स्वयम्भू-स्तोत्र
( स्तुतिपरक जैनागम )
[समन्तभद्र भारतीका एक प्रमुख अङ्ग ]
प्रथम संस्करण
१०००
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जुगलकिशोर मुख्तार 'युगवीर' अधिष्ठाता 'वीर - सेवा - मन्दिर'
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अनुवादक और परिचायक
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प्रकाशक
वीर-सेवा-मन्दिर
सरसावा जिला सहारनपुर
आषाढ, वीर नि० संवत् २४७७ वि० सं० २००८, जुलाई १६५१
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मूल्य दो रुपये