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________________ मुंहता नैणसीरी ख्यात [ ४३ जेसळ - मूळपसाव है छै, पुनपाळरा पोतरा छै । इणांरै गांव १ मेररै देस गांव कुछड़ी, जेसळमेरथा कोस २० सोढां दिसी' । लूंणराव इणांरै जेसळमेररै देस गांव २ सोजेवो नै प्रारजणी, चांधणथा कोस ६ । ५ रावळ जेतसी तेजरावरी । तेजराव रावळ चाचगदेरो बेटो । तिण रावळ लखणसेनरा बेटा पुनपाळ कना जेसलमेर जोरावरी लियो' | निपट वडो ठाकुर हुवो । यो रावळ घणा वरस जीवियो । इणांरै बेटा मूळराज रतनसी लायक हुता । राजरी सारी मदार प्राप जीवतां बेटां ऊपर है । रावळ जैतसीरै परधांन सीहड़ वीकमसी, तिको भली भांत ठाकुराई चलावै छै । रावळ प्राप पुखतो हुवो छै सु मांहै बैठो रहै छै । राज भली भांत वीकमसी चलावै छै । रावळरै इतबार सारो वीकमसीरै हाथ छै । सु रावळरा सारा भाई -बंध वीकमसी माथै लागै छै । सु रावळ जैतसी तो पुखतो ठाकुर सो किणहीरो कह्यो मां नहीं | यूं करतां रावळ निपट बूढांणो ' ; प्रांखियां ऊपरलो मांस छिटक डोळां ऊपर आयो । राजरी मदार सारी कंवर ऊपर मंडी । कंवर मोटियार तिरण आगे सको वीकमसीरी घात घातण लागी ' । कंबर परंण सुणण लागा । कंवर मूळराजरै कनै जसहड़रा बेटा रहे । ति दिने निपट लायक छै । दूदो तिलोकसी, सांगण, बांगण मनमें धरतीरो ग्रासवेध राखै छै । पण मूळराज रतनसी कंवर निपट जोरावर, परधांन सीहड़ वीकमसी निपट जोरावर, तिण आगे कठैही क्यूं धरती मांहै खाय सकै नहीं । सु एक दिन आसकरण जसहड़ोत मूळराज रतनसीनूं कहण लागो - " रावळजी तो निपट बूढा हुवा, थे बेपरवाह | कोई राजरी खबर ल्यो नहीं । परधान वीकमसी तिको I जैसलमेरमे वीस कोस सोढोंकी प्रोर । 2 जिसने रावल लखरगसेनके बेटे पुण्यपाल से जैसलमेर जबरदस्तीसे ले लिया । 3 वृद्ध | 4,5 विश्वास करने योग्य सभी कामोंकी जिम्मेवारी रावलकी प्रोरसे बीकमसीके हाथमें है, इसलिये रावल के सभी भाई-बंधु बीकमसीसे नाराज रहते हैं । इस प्रकार चलाते रावल निपट बुड्ढा हो गया । 7 कुंवर जवान हो गया, अब उसके आगे सभी वीकमसी के विरुद्ध दांव घातकी बातें करने लगे । 8 कुंवर भी उस ओर ध्यान देने लगे। 9 दूदा, तिलोकसी, सांगरण और बांगरण ये मनमें धरतीका ग्रासवेध रखते हैं । TO उसके नागे देशमें ये कुछ भी खा नहीं सकते ।
SR No.010610
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1962
Total Pages369
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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