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________________ ...-.'- *-*-Minaitr-harn . * श्रीरामजी * अथ गोगादेजीरी वात लिख्यते गोगादेजी जुवान' हुवा; ताहरां वीरमजीरो वैर लेवणनूं साथ एकठो कियो। साथ करनै जोईयां ऊपर चढियो। आगै जोईयांन खवर हुई ; ताहरां जोईया नीसरिया । ताहरां अपूठा आय कोस २० अाया। आय हर हरोळ गयो। ताहरां जोईयां दीठो -'गोगादे फिर गयो ।' ताहरां जोईया फिर आय वसिया । गोगादेजी दबो मार बैठा हुता । इतरै हेरो पायो । कह्यो-'जी, दलो हेरियो छै; धीरदे हेरियो छै । जियै ठोड़ सूवता तिका ठोड़ हेर आया छां" ।' हेरो चौकस कर गया हुता सूवणरी ठोड़ । सु धीरदे तो परणीजण गयो; नै हेरां जाय गोगादेजीनूं कह्यो । ___गोगादेजी चढिया। आधी रातरा जायनै पड़िया। ताहरां दलै ऊपर गोगादेजी उतरिया। धीरदे ऊपर ऊदो गोगादेप्रोत उतरियो । ताहरां धीरदे तो परणीजण गयो हुतो। धीरदेरै सूवणरी ठोड़ धीरदेरी बेटी सूती हती; सु ऊदै जायनै घाव कियो' । सु तरवार इसड़ी वुही-बैर वाढि, विछावणा वाढि, मांचो वाढि अर घरटीसं जाय : रड़की' । ताहरां तरवाररो नाम 'रळतळी' कहांणो'। गोगादेजी दलो मारियो । गाडा लूटि अर पादोलायां प्राय उतरिया । .... जाहरा16 गोगादेजी दलो मारियो, ताहरां दलारो भात्रीजो डांस ___I युवा, जवान । 2 तब वीरमजीके वैरका बदला लेने के लिये योद्धानोंको संगठित किया। 2 तव जोईया भी निकल पाये। 4 देखा। 5 गोगाजी दबक कर घातमें बैठा था। · 6/7 इतने में गुप्तचरोंके दलने आकर कहा कि उसने दलाका पता लगा लिया है और धीरदेवका भी पता लगा लिया है एवं जिस जगह ये सोते हैं उस स्थानका भी पता लगा लिया है। (धीरदेको कई प्रतियोंमें धीरजदे और कइयोंमें धारदे भी लिखा है)। 8 इधर गप्तचरों जाकर गोगादेजी को यह सूचना दी उधर पीछे से धीरदे ब्याह करनेको चला गया। तब 'दलाका वध करनेके लिए गोगादेजीने और धीरदेका वध करनेके लिये ऊदा गोगादेशोतने निजी -: . . ( किया। 10 धीरदेके सोनेके स्थान पर धीरदेकी बेटी सोई हुई थी। II सो ऊदाने जाकर उसके ऊपर प्रहार किया। 12/13 सो वह तलवार ऐसी चली कि । उस स्त्रीको काट कर उसके बिछौने काटे और फिर खाटको काट कर उसके पासमें पड़ी हई चक्कीके जाकर ... टकराई। 14 तब उस तलवारका नाम 'रळतळी' कहलाया। IS गाडोंको लूट कर पादोलायां गांव में आकर ठहरे। 16 जब ।
SR No.010610
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1962
Total Pages369
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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