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________________ [७ __मुंहता नैणसीरी ख्यात मालरो बाब' कसबामें महाजनांरै घर १ दीठ दुगांणी ८। . महाजनांरा घर हजार २५००-रु० ५००)री ठोड़। ५००.....................। १५०० प्रोसवाळारा। ५०० महेसरीयांरा। दीवाळी होळीरै मिलणरा रु० ५००) गुळरा पेसकसी मंगळीकरी । इण भांत रु० १५०००) रजपूत मुसलमान खालसैरा सिगळे देसरा आवै। देसवाळी लोगांरै जेजियो नै बाबरा करी रु० ४०००) री ठोड़ २००००) । दांण तुलावट' दांणरो ऊंठ १ तोल २०रो मण बारै वहतीवारण - रेसम रु० ३५)। रुई मजीठ - रु० ५)। मैंण11 रु० ६)। घ्रत फीटकड़ी रु० ४)। खारक' ___रु० ५)। लाख लोवड़ी12 रु० ६)। नाळेर' रु० ५)। किरांणारै ऊंठ रु० ३)। बीकानेररै देसथा वहै तिणनूं रु० ॥) देसमें वहतीवांणनूं लागै14 । ... घोडै १ दीठ रु० ४) वहतीवांण कारवांन नै लागै15 सरब रु० १५०००)री ठोड़ वरस १री तुलावट विकरी। कसवै वस्तु विकै I माल पर लगने वाला कर । 2 कस्बेमें महाजनोंके प्रति घर ८ दुगानी लगती है। . (दुगानी=एक प्राचीन सिवका) । 3 महाजनोंके घर २५०० जिनसे रु० ५००) निश्चित कर। 4 दिवाली और होली आदि मांगलिक त्यौहारों पर गुड़के नामसे लिखी जाने वाली भेट । 5 सव। 6 जजिया। 7 तुलाई पर सायर महसूल । 8 सीमामें होकर चलनेका महसूल । 9 छुहारा । 10 नारियल । II मोम। 12 लाखसे रंगा हुआ (लाखी रंगका) लोवड़ी वस्त्र, अथवा लाख और लोवड़ी वस्त्र । 13 किराना । 14 बीकानेरके देशसे सीमामें चलने वालोंसे वहतीवान कर बारह आने लगते हैं। 15 कारवांके साथ प्रति घोड़ेके रु. ४) वहतीवान लगता है।
SR No.010610
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1962
Total Pages369
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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