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________________ ६ ] मुंहता नैणसीरी ख्यात १ गोरहरो बांभणांरो । १ जांझोरो बांभणांरो । १ सीयळांरो । सीयळ पंवार लुद्रवारी रैत ज्यों भोग दै' । मुहार रावळ भीमरी वार मांहै खेतसी मालदे श्रोतनूं थो । पछे रावळ मनोहरदासरा मांन खींमावतनूं पटै दियो थो । अतरा गांव कोटड़ारा जैसलमेर वांस रांणा चांपा पछै जको रावळ टीकै बैठो तिकै' लिया १ कौडीवास । 1 १ मांडाही । १ वींजोराही । १ रिडी । १ भूवो । १ धनवो । १ ओळो । १ सांगण । १ पेथोड़ाई । १ सीतहड़ाई । १ वापणसर । १ जालेळी | १ डांगरी । १ सोळियाई । १ पीपळवो । १ नेगरड़ो । १ भागीनड़ो । १ प्रोड़ो । १ आरम । १ चोचरो । १ जांनरो । १ कांनासर । 11 जैसळमेरथी' कोस ७० सोढांरो ऊमरकोट छै । तिण मांहै कोस ३५ श्रधोफर दागजाळ छै, तठे" ऊमरकोट जैसलमेर सींव " छै । तठे नजीक गांव १ भांभेरो कोस १८ । भूण कांमळांरो उतन । १ दहोसतोय भाटी सतांरो जैसळमेरथा' कोस २२ । १ फूलियो भाटी मेहाजळरो जैसळमेरथा कोस ३० तिण 14 प्रागै कोस ५ दागजाळ छै । जैसलमेररा देसरी हकीकत मुं || लखै मंडाई, संमत १७००रा माह वदी & मुकांम मेड़तै । 15 1 सीयल पँवार भी लुद्रवाको प्रजाकी भांति भोग (नाज के रूपमें दिया जाने वाला एक कृषि - कर) देते हैं । 2 मुहार गांव रावल भीमके समय खेतसी मालश्रोतको मिला हुआ था । 3 इतने 1 4 बादमें, पीछे | 5 जो । 6 उसने । 7 से 8 ग्राधी दूरीमें, ठीक बीचमें । 9 जहां | 10 सीमा । II पास । 12 भूरण गांव कामलोंका निवास-स्थान 1 13 से 1 14 उसके 115 लिखवाई।
SR No.010610
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1962
Total Pages369
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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