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________________ . ..... मुंहता नैणसीरी ख्यात [ १२७ खेडीतां' खूदतां धसै धर पाय हैमर, घूघर रोळ रवद्द रुघा वाजै रिण पाखर । सरणाय-साद" नीसांण सर कूपिये ढोलारव किया, त्रुटती-रात हरभम-तणे जग्गमाल जगाविया ॥ २ राव वरसिंघरा बेटा, प्रांक ६७ राव दुजणसल, विकूपुर कलो वेगोहीज मुंवो"। धणी। सोनगरा खींवारो पछै टीको कलारा भाई दोहीत्रो। पातळनूं हुवो। ७ राव जैसो, पूगळ धणी । ७ जामण वरसिंघरो। इणरै सोनगरा खींवारो दोही वांस को नहीं। तरो। जैसारी बेटी राव ७ पातळ वरसिंघरो। तिणरै चंद्रसेण परणियो हुतो, वांसला नोख सेवडै छै । नांव प्रेमलदे।तिका विकू- पातळ मास ६ पूगळ धणी पुर मुंई111 हुवो। पछै जैसे पूगळ ७ कलो वरसिंघरो, जको लीवी। किरड़ा वाप वीच वसियो ७ सातळ वरसिंघरो। वांस थो, तिका ठोड़ 'कलारी को नहीं। कोटड़ी' कहीजै । ७ करमचंद वरसिंघरो । एकरसूं13 राव जैसो ६ कल्याणदास किसनकठीका गयो हुतो, वांस दासरो। किसनदास करम कलै पूगळ ली थी151 पछै चंदरो। . I चलाते हुए, भगाते हुए। 2 रौंदते हुए। 3 घोड़े। 4 मुसलमान । 5 रण। 6 घोड़े और हाथियोंके कवच। 7 (१) शरणाथियोंकी पुकार । (२) सहनाईका शब्द । 8 पिछली रातमें। 9 हराके पुत्रने । 10 खींवा सोनगरेका दोहिता । II सोनगरा खींवाका दोहिता । जैसेकी बेटी प्रेमलदे राव चंद्रसेनको व्याही थी, वह विकूपुरमें मर गई। 12 कल्ला . .. वरसिंहका बेटा । यह किरड़ा और वापके बीच में रहता था.। वह जगह 'कलारी कोटड़ी' कही जाती है। 13 एक बार । 14 कहीं। 15 पीछेसे कल्लेने पूगल पर अधिकार कर लिया था। 16 फिर कल्ला जल्दी ही मर गया। 17 वरसिंहका वेटा जाभरण। इसके वंशमें - कोई नहीं। 18 इसके वंशके नोख और सेवड़ेमें रहते हैं । 19 वरसिंहके बेटे सातलके वंशमें कोई नहीं। .
SR No.010610
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1962
Total Pages369
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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