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________________ मुंहता नैणसीरी ख्यात [ १११ गांव ३६० पूगळ वांस लागता' । १ हैसो पूगळ वांस, गांव १५० । १ हैसो विकूपुर, गांव ७५ । १ हैसो वरसलपुर, गांव ८४ । १ हैसो किसनावत भाटियांनूं , गांव १४० हापासर वांस । आ ठोड़ पाहुवेरो कहावै । कदीम तो जेसळमेर वांस पा ठोड़ हुती । पछै वीकानेररा धणियां जोरीदावै महाराजाजी श्री सूरसिंघजी दबायने हापासर बीकानेर वांस घातियो । हापासर वीकानेरसू कोस १२ । भाटी किसनावत वीकानेररा चाकर हुवा' । पैहली जेसळमेररी सींव डीवजाळ तांई हुती । तिका डीवजाळ रांणैहरथा कोस १२ महाजन नजीक । किसनावतारै गांवांरी विगत'१ हापासर । १ सूरासर । १ चूहड़सर। १ मोटासर। १ वडेरण। १ मोरियांवाळो। १ खारबारो। १ लालावर । १ लाकड़वाळो । १ रांणैहर । १ पीठवाळो। १ बंध । १ रायमलवाळी। १ मोटेळाई। १ जगदेवाळो । १ वीझळवाळी। १ नगराजसर। १ भंडण । १ धवळासर । १ लाखासर । १ खोखरांणो। १ पाकेवळो । १ अखासर । १ भाचाहर । १ राजासर । १ देदाहर। १ कळसकी। ____I. पहिले पूगलके पीछे ३६० गांव थे, (जिनके चार भाग किये गये)। 2 एक भाग पूगलका जिसके पीछे १५० गांव। 3 हापासरके १४० गांवोंका एक हिस्सा किसनावत भाटियोंका । (गांवोंकी संख्यायें ठीक नहीं प्रतीत होतीं। ३६० गांवोंको १५०, ७५, ८४ और १४०-इन चार भागोंमें बाँटनेसे योग ४४६ आता है)। 4 (हापासरका) यह प्रदेश पाहुवेरो कहलाता है। 5 शुरूसे तो यह जगह जैसलमेरके अधिकारमें थी। 6 परन्तु पीछे बीकानेरके स्वामी महाराजा सूरसिंहजीने जबरदस्ती दवा कर हापासरको बीकानेरके अधिकारमें ले लिया। 7 किसनावत भाटी बीकानेरके चाकर हो गये। 8 पहले जैसलमेरकी सीमा डीवजाल गांव तक थी। 9 वह डीवजाल महाजन गांवके समीप राणेहर गांवसे १२ । कोस पर हैं। 10 किसनावतोंके गांवोंकी सूची।
SR No.010610
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1962
Total Pages369
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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