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________________ मुंहता नैणसीरी ख्यात [१०३ ... प्रांक १८ रावळ मनोहरदास कल्याणदासोत । रावळ कल्याण ......काळ कियां पछै टीकै बैठो । वरस २२ जेसळमेर राज कियो। वडो आखाड़सिध, अभंगनाथ । कांमरो माणस । रावळ मनोहरदास घणी वेढ जीती। संमत १७०६ रा मिगसरमें काळ कियो । बेटो को न हुतो । पछै भाटियां, बीज, राजलोग, भाटी रामचंद सिंघोतनूं टीको दियो । मनोहरदासरा प्रवाड़ा एक वेढ कंवरपदै बलोचांसू की, तठै बलोच अलीखां मारियो । खाडाळरा गांव १० मारनै वित लीनो । अलीखां मारियो, तठे रावळरो साथ काम आयो, घायल हुवा - १ भाटी रायसिंघ भीमावत, सांवतसी । १ सीहड़ धनराज उधरणोता । १ भा। वांकीदास जसावत रूपसीयोत13 । १ सोढो जसो। .: १ सांगो खडेर । इणरो गांव देवो, टेहिया कनै । जसोल ऊपर ___ आयो, तद जसोलिया घणा मारिया । - पोकरण राठोड़ जगमाल मालावतरा धरती बारै नीसरिया था,सु मेहवै जाय रह्या, पोकरणरो काळमुधो मारियो। तरै रावळ मनोहरदास जेसळमेरसूं चढियो । सु जेसळमेररो चढियो जेसळमेरसू कोस - I रावल कल्याणके मरने पर गद्दी बैठा। 2 बड़ा रण-विशारद और निर्भय व्यक्ति था। 3 उपकारी मनुष्य । 4 सम्वत् १७०६के मिगसरमें मरा। 5 वेटा कोई . नहीं था। 6 फिर भाटियों और दूसरे लोगों तथा रानियों आदिने मिल कर सिंहके पुत्र भाटी रामचंद्रको टीका दिया। 7 मनोहरदासके महत्वपूर्ण युद्धोंका वर्णन । 8 कुंवरपदमें इसने एक लड़ाई बलोचोंसे की, जिसमें बलोच अलीखांको मारा। 9 खाडाल प्रदेशके १० गांवोंको लूट कर उनकी मवेशी लेली। 10 अलीखांको मारा उस लड़ाईमें रावलका इतना साथ मारा गया या घायल हुआ। II भाटी भीमाका बेटा रायसिंह और सांवतसी। 12. उधरणका वेटा सीहड़ धनराज। 13 भाटी जसाका पुत्र बांकीदास रूपसीग्रोत । 14 सांगा खडेर, इसका गांव टोहियाके पासका देवा । यह जसोल पर चढ कर आया, तब कई . . जसोलियोंको इसने मार दिया। 15 जगमाल मालावतके वंशज पोकरगाके राठोड़ अपनी भूमिको छोड़ कर बाहिर निकल गये थे।
SR No.010610
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1962
Total Pages369
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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