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________________ सुभापित-प्रकीर्णादि [ १६५ क्रमांक ग्रन्थाङ्क ग्रन्थनाम कर्ता भाषा लिपि- पत्रसमय | संख्या विशेष भर्तृहरि सं० १६वीं श. २२३ २४६५/ वैराग्यशतक २२४ १७३६ वैराग्यशतक सटीक २२५ | ३१७४ वैराग्यशतक सटीक १८६६ टी०घनश्याम मिश्र । शाके | सं० १८५० मे नारायणपुर में टीका रचना, पत्र ४० वां अप्राप्त । १८५६ १६ । १६वीं श. ४२ ' , | मू.प्रा १७वीं श. से१७ वैराग्यशतक सटीक २१२ वैराग्यशतक सटीक त्रिपाठ वैराग्यशतक सस्तवक १८७६ वैराग्यशतक सार्थ वैराग्यशतक सावचूरि पंचपाठ | शतकत्रय सस्तवक स्त.रा.गू मू. सं. १८वीं श १०८से गुटका अ.रा. | स. १८वीं श. ११ । | शतकत्रय सार्थ २३०४ शांतिनवक मू० भर्तृहरि , १८वीं श. १से३८ सं.अ. १६वीं श. १से४३ | रा. गू कृष्णगढ़ में लिखित कर्ता के हस्ताक्षर। सवाई हि० १६वीं श. ७३से८३ भरी हरीय श्रृंगारप्रतापसिंहजी शतक पर भाषा खुसराम १८८६ शृंगारमजरी काव्य। अपूर्ण, नीतिशतक ६१ वां पद्य तक। ७०५ | शृगारवैराग्य मुक्तावली | सोमप्रभाचार्य | स० १६वीं श ४ शृगारशतक तथा नीतिशतक शृगारशतक सटीक मू० भर्तृहरि , १९वीं श ३२ शृंगारशतक मू० भर्तृहरि टी० धनसार शृगारशतक | १८५६ / १५ | षट्चकवैकवित्त रा० १६वीं श. १४५ | पडदर्शन वर्णनकवित्त , १६वीं श. १०५ १०६
SR No.010607
Book TitleHastlikhit Granth Suchi Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages337
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size12 MB
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