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________________ १६६] राजस्थान पुरातत्वान्वेपण मन्दिर पत्र क्रमांक, प्रन्या विशेष प्रन्यनाम भापा | लिपि- का | समय | संख्या २४२ १६०२ सतसया वृन्दजी कवि वहि० १८४१ / १-४१ गुटका । २४३ २०७६ सनसया ११३६ सतमया ११२२ | सपाईनी जाति २४४ सं १७१८(१)मेंरचना। " | स० | १९४१ / ७५ वीं श ७२ वां २४७ २२१७ सप्तव्यसनहाकुंड-भीम , वीं श. ३रा लिया •८२२ सप्तशती गोवर्धनाचार्य | सं० | १८७२ ८० गुटका। २४८ ११२७ सभाप्रकाश हरिचरणदास ब्राहि६वीं श ५७ स. १८३४ में रचित। २४६ २२३३ सभाप्रकाश । १८६ कृष्णगढ़ मे लिखित, सं.१८१४ मे रचित । २५०२३४२ सभाप्रकारा के प्रश्नोत्तर , २०वीं श. २ अपूर्ण। ८६६ सभासार ।, १६१४ ३२ । कवि का निवासस्थान सारङ्गपुर (अहमदा बाद) था। २३५० समस्याफवित्त आदि | मगनीराम | , २०वीं श. ४ ३५६५ सर्वागयोगप्रदीपिका सुन्दरदास , १६वीं श. ३६० रघुराम ८७४ (२४) २२०० सासो सीख धर्मसी | रागू ०वीं श. २ संवेया सुन्दरदास क्र. १८वीं श. ५ सबैया छन्द स्तोत्र सुभा सब १८४७ | १६० गुटका। पित ज्योतिपादि संग्रह रागू ३४५ सबैया दूहा रा० १८वीं श १४६२५८ ११२२/ संचणी स्त्री छंद रागू०१६वीं श ४-५ . (६४) २५६ : ३५७५ मतोपछत्तीसी समयसुन्दर " वीं श८५-८- लूणकरणसर में सं.१६८४ मे रचित । २६.' मगरमायनवारनी कान्तिविजय , वीं श ६ । । (मानचिन्तामणि) २६१ २९१७ मारियां हि०१८२४ -३८ २५१५ मानवारराहा रा० १६वीं श, १६ वा । (६) कबीर - - - - - - - - - - - - - -
SR No.010607
Book TitleHastlikhit Granth Suchi Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages337
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size12 MB
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