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________________ ६४] राजस्थान पुरातत्वान्वेपण मन्दिर क्रमांक ग्रन्थाङ्क ग्रन्थनाम' कर्त्ता भापा लिपि- | पत्रसमय | सख्या विशेप * * २००७ ६८१ | ३००७ | गणितसार मूल श्रीधराचार्य संस्कृत | १५१३ | | कर्करपुर में लिखित ६५ | २००५ | गणितसार सटीक मू०सं० १६वीं श. ५. टी रागु | गणितसार सटीक सं० १४४७ ३१ | गणितसार सार्थ शंभुनाथ अरा० १८वीं श. ८ ( महादेव ) ६८ | ३८११ गतेष्टकरणविधि रा० १६वीं श. २ नागोर में लिखित। ३२४७ गणितचन्द्रिका फकीरचद त्राहि. १८१६ २० भुजनगर में लिखित ७० | १८६० । गर्गमनोरमाटीका | संस्कृत | १८७२ १२ | गिरिधरानन्द वेदांगराय " १६वीं श. ७५ | १६वां अध्याय १६५ श्लोक तक, पश्चात् । अपूर्ण । पत्र ६० वा नहीं है। अजमेर नृपति गिरिधर की आज्ञा से रचित । आदि के २३ पद्यों मे गौड़ नृपवंशवर्णन है। गुरुचार । रा० १८६१ | २३-३२ वगड़ी नगर मे लिखित । गुरुचारादि सरा गु. १८वीं श. ६ गुरुचारादि १८२७ | ५-१६ | गुटका । ७५, २५४१ गुरुफल ___ ० १७१६ २ | नारदपुरी में लिखित १९८४ गुरुविचार रागु०१७वीं श. ३ ७७ | ३१७७ | गूढप्रश्नप्रकाशन | १८६७ ५ ६७३-1 गृहगोधाविचार रागु०१७वीं श. गोलाध्याय सं० १६वीं श, १३से५२ अपूर्ण २८६३ | ग्रहकेवली लग्नकेवली. १६२८ १३०वां (६३) तथा नक्षत्रकेवली ६४५. ग्रहणलिखनानुक्रम नारायण , १८२६, ३७ । स०१५८२ मे ग्रन्थ कार रचित कृति नष्ट १)होने से, तदनतर ग्रथित कृति विस्तृत होने से प्रस्तुत रचना स०१६१६ में कपिला में की।
SR No.010607
Book TitleHastlikhit Granth Suchi Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages337
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size12 MB
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