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________________ ज्योतिष-गणितादि [६३ क्रमांक ग्रन्थाङ्क ग्रन्थनाम कर्ता भाषा लिपि- | पत्र| समय | संख्या | विशेष ४३ ३२१६ | कपूरचक्रविधि १४०३ कर्मविपाक १४४४ कर्मविपाक ३८१७ | कर्मविपाक ३७१० | कलकी जन्म पत्री विचार २५३५ कशावली संस्कृत २०वीं श. ५ गूर्जर १६वीं श. ७ , १६१६ १५ राज० । १८१६५ १६वीं श. १ रोहिठ मे लिखित । रा० , , १ २८६३ काकपिंडविचार १७वीं श. १४३ नक्षत्रवार के योग . से प्ररूपिता। पत्र का थोड़ा भाग त्रुटित है। पत्र का थोड़ा भाग त्रुटित है। २८६३ काकस्वरस्वरूप रागु० , , १४३ स. १६वीं श ५ | १६२५, २० , १७वीं श. १६६ १६७ १४वीं श १ कामधेनुटिप्पणिका ३२३१ कामधेनुपद्धति २८६३ | कूर्मचक्र (१०६) १३८५ कूर्मचक्र तथा दीपस्थापन विधि ३७६० केशवीपद्वत्युदाहरण ! विश्वनाथ टीका ३०८४ कौतुकलीलावती खंडखाद्यक ब्रह्मगुप्ताचार्य खातचक्रादिविचार , १८४७ ४३ शाके १५४० मे रचित । , १६वीं श. ४ , १७६४ १४ रागु०१७वीं श. १३२वां मू०सं० १६वीं श १७ । सारणी सहित | १६६६ खेटभूषण बालावबोध- | रामचन्द्र सहित खेटभूपण गणितग्रन्थ साठीसो | महिमोदय दोहा । सं० १७वीं श. रा० १७५७ १ ६ ६२ ३७३२ गणितमकरन्द जोबनेर मे लिखित सं० १७३७ के राखीदिनके रोज रचित। जालोरगढ़ में लिखित ग्रन्थकार वडनगर निवासी थे रामदास स० | १८६६ / २५ ६३ | २००६ गणितसार मूल श्रीधराचार्य |, १७वीं शः ३
SR No.010607
Book TitleHastlikhit Granth Suchi Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages337
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size12 MB
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