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________________ राजाप्रतिष्ठान-विशाभूषण-साा-संगह-रानी। [ ११४ लिपिसमय पसंख्या विशेष विवरण आदि (२३८) (२) नांसार राठोड फतेस्यंध महेस- ! १९८४ २० पेज लि.क -गोपीचन्द शर्मा जयपुर । यह वस्तुदासोत | परिचायक उपादेय भाषा ग्रन्थ है। (सं.)। २३६ मोष पिंगल फपि जयाण कृपाराम । १९८६ १० , लि.फ.-गोपीचन्द शर्मा, जयपुर। .. २४०.शिपET । हरपदास प्रोहित १९८६ १०७ , रचना-१८७५शिवगढ़ में शेषावत शिवराजाज्ञासे (सिवड) निर्मित । हररूपदासको प्रतिसे लिपीकृत । लि.क.-गोपीचन्द शर्मा, जयपुर। २४१ / रामाश्यमेश . | शिवराज भूप शेषावत १९वी.श. ५१ ॥ (१) महाराज शिवगिहजी राठौररा सुरताणियां साहिबदान १६८५१-३३ ,, , , , पवित्त (२) स्फुट फपित्तादि ३०० अनेक कवि . १-२३ , २४३ | शिवनारायणका एपित्त (शिवजीको तुलसीदास प्रादि | १९८२ १५ लि.फ.-पुरोहित क्षेत्रमल्ल (छीतरमल) स्तुतिविषयक छंद २४४. राजवल्लभ (पास्तु-शिल्पग्रन्थ ) मूल | मण्उन सूत्रधार .. १९८४६६ लि.क.-गोपीचन्द शर्मा, जयपुर। २४५ (१) माताजीको दिवायण बारहट ईशरवासजी २०वी.श. १-५ (२) हालां झालांका कुण्डलिया। २४६ निन्दा-स्तुतिगन्य ईसरनाराजी चारहटका जीवन-चरित्र | १०-+-५-१५ एवं तत्सम्बन्धी ज्ञातव्य पान (१) वृत्तमुक्तावती (प्रथमगुम्फ:) . कविकलानिधि श्रीकृष्णभट्ट । भाण्डारकर प्रोरियन्टल रिसर्च इन्स्टीट्यूट, (२) , (द्वितीयगुम्फः) पूनाको प्रतिसे लिपोकृत । ... २४६ अन्योक्तिवर्णन (अपूर्ण) । महाकवि गणपतिभारती १९६५ | लि.फ.-गोपीचन्द शर्मा, जयपुर । नौशेरयां यावशाहफे पहननेके दस ताज २०वी.श.४ wr.M २४७ । - -- -
SR No.010606
Book TitleVidyabhushan Granth Sangraha Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopalnarayan Bahura, Lakshminarayan Goswami
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1961
Total Pages225
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size9 MB
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