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________________ १२३ बहुमुखी कृतित्व ऊपर न्यौछावर करती हैं। कविवर के साहित्य में एक अभूत-पूर्व प्रतिभा है-मानव के लिए महान् सदेश है-प्रेरणा है, साधना है, आराधना है और सभी कुछ है, जो एक उच्च कोटि के साहित्यकार में होना चाहिए। मानव-मन को समझाने, बूझाने के लिए वहत कुछ सामग्री है। इसमें भी मुनि श्री जी की प्रतिभा तो काव्य-पक्ष में अद्वितीय है। काव्य-पक्ष में कवि श्री जी ने प्रत्येक आवश्यकता का स्मरण रखा है। और इसी महानता के कारण 'मुनि अमर' को 'कवि अमर' का सम्बोधन मिला है। काव्य-क्षेत्र में कवि श्री अमरचन्द्र जी महाराज उस मिलनविन्दु पर स्थित हैं, जहाँ से एक ओर कवि जी की राष्ट्रीय भावना निकलती है, तो दूसरी ओर 'भारत है सरदार अहा, सब देशों का' की भावना । जहाँ एक ओर नशीली वस्तुओं के त्याग की बात है, तो दूसरी ओर भगवान् के भजन में मन लगाने की बात । वे एक ऐसे महासंगम पर हैं, जहाँ से एक ओर उनका मुनि स्वरूप निकल आता है, तो दूसरी ओर उनका कवि स्वरूप । कितनी भिन्नता है दोनों स्वरूपों में, किन्तु फिर भी अमर कवि के हृदय में दोनों धाराएं बहती हैं। एक ओर कंटकमय पथ पर चलने वाले जैन साधु अमर मुनि, दूसरी ओर कोमल भावनाओं में रची गई उनकी कविताएँ । दोनों पथ साधना के हैं, विपरीत साधना के । और इन दोनों साधनाओं के साधक हैं—'अमर मुनि'। अमर-काव्य के ऊपर जव कुछ लिखने की प्रेरणा मिली तो मैंने उनके समस्त काव्य-ग्रन्थों को इकट्ठा किया। सब मेरे पढ़े हुए नहीं थे । अतः लिखने से पहले उन्हें पढ़ना आवश्यक समझकर पढ़ता गया । उस समय मुझे जिस असीम आनन्द की अनुभूति हुई, उसका वर्णन असम्भव है। कवि श्री अमरचन्द्र जी महाराज की काव्य रूपी ज्ञानगंगा में डुबकी लगाते हुए मैंने अपने आपको उसमें डूबा हुआ पाया और जितना अानन्द उसके अध्ययन में मिला, उतना आज उसके ऊपर कुछ लिखने में नहीं मिल पा रहा। कवि श्री जी के काव्य के नायकों में यह सुन्दरता रही कि उन्होंने मुझे भी अपनी अनुभूतियों में घेर लिया। और वास्तव में यही एक सफल साहित्यकार की लेखनी का कमाल है, जो कवि श्री जी में सम्भव हो सका है। - महावीर प्रसाद जैन, एम० ए०
SR No.010597
Book TitleAmarmuni Upadhyaya Vyaktitva evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaymuni Shastri
PublisherSanmati Gyan Pith Agra
Publication Year1962
Total Pages225
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth, Biography, & Literature
File Size10 MB
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