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________________ 151 ___45 158 संदिग्धस्तु 30 35 शास्त्रसामर्थ्याच्च 140 सदनित्यं श्रोहणो 93 सदसत् 263 संख्याः परिमाणानि सदिति यतो संख्याभावः 104 सदिति लिङ्गाविशेषात् 50 संज्ञाकर्म सन्त्ययोनिजाः 150 संज्ञाया समवायिनः 254 131, 134 समे आत्मत्यागः संदिग्धाः 197 104 समाख्याभावाच्च 158 संप्रतिपत्ति 103 समे हीने वा 195 संयुक्तसमवायात् 303 सर्जितुमधु संयोगविभागयोः 240 सोऽपदेश: 106 सामविकः 244 संयोग विभागाश्च सामान्यो 64, 127 संयोगादभावः सामान्यप्रत्यक्षात् 88 संयोगाद्वा 301 सामान्यविशेषापेक्ष 253 संयोगाद्विभागात् 102 सामान्यविशेषाभा 48, 49, 50 34 * सामाः / संयोगाभावे सामान्य विशेष संयोगिनो सुखदुःखज्ञान 189 संयोगिसमवायि मुखादागः संशयनिर्णयान्तरा स्पर्शश्च वायोः / संस्काराभावे खमान्तिकम् 289 सच्चासत् 263 स्पर्शवान् वायुः 53 सति च कार्या हस्तकर्मणा दारक 165 सतो लिंङ्गाभावात् हस्तकर्मणा मनसः 174 सत्यपि द्रव्यत्वे 197 सदकारणवत् 141 हेतुरपदेशोलिङ्गं 164 सामा 252 40 243 206 57 149 हीने परे 281
SR No.010595
Book TitleKarn Kutuhal
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBholanath Jain
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1957
Total Pages61
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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