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________________ सुत्तागमे [सूयगडं दोसो तत्थ कओ सिया ॥ १० ॥ २३४ ॥ जहा मन्धादणे नाम थिमियं भुजई दगं । एवं विन्नवणित्थीसु दोसो तत्थ कओ सिया ॥ ११ ॥ २३५ ॥ जहा विहंगमा पिशा थिमियं भुजई दर्ग। एवं विन्नवणित्थीसु दोसो तत्थ कओ सिया॥ १२ ॥ २३६ ॥ एवमेगे उ पासत्था मिच्छदिट्ठी अणारिया । अज्झोववन्ना कामेहिं पूयणा इव तरुणए ॥ १३ ॥ २३७ ॥ अणागयमपस्सन्ता पञ्चप्पन्नगवेसगा। ते पच्छा परितप्पंति खीणे आउम्मि जोन्दणे ॥ १४ ॥ २३८ । जेहिं काले परिकन्तं न पच्छा परितप्पए। ते धीरा बंधणुम्मुक्का नावकंखन्ति जीवियं ॥ १५ ॥ २३९ ॥ जहा नई वेयरणी दुत्तरा इह संमया । एवं लोगंसि नारीओ दुत्तरा अमईमया ॥१६॥२४०॥ जेहिं नारीण संजोगा पूयणा पिट्ठओ कया । सव्वमेयं निराकिच्चा ते ठिया सुसमाहिए ॥ १७ ॥ २४१॥ एए ओघं तरिस्सन्ति समुई ववहारिणो । जत्थ पाणा विसन्नासि किच्चन्ती सयकम्मुणा ॥ १८ ॥ २४२ ॥ तं च भिक्खू परिन्नाय सुव्वए समिए चरे । मुसावायं च वजिन्जा अदिन्नादागं च वोसिरे ॥ १९ ॥ २४३ ॥ उड्महे तिरियं वा जे केई तसथावरा । सत्वत्थ विरई कुज्जा सन्ति निव्वाणमाहियं ॥ २० ॥ २४४ ॥ इमं च धम्ममायाय कासवेण पवेइयं । कुजा भिक्खू गिलाणस्स अगिलाए समाहिए ॥ २१ ॥ २४५ ॥ संखाय पेसलं धम्म दिट्ठिमं परिनिव्वुडे । उवसग्गे नियामित्ता आमोक्खाए परिव्वएज्जासि ॥ २२ ॥ २४६ ॥ त्ति बेमि ॥ उवसग्गज्झयणं तइयं ॥ इत्थिपरिन्नज्झयणे चउत्थे जे मायरं च पियरं च विप्पजहाय पुव्वसंजोगं । एगे सहिए चरिस्सामि आरयमेहुणो विवित्तेसु ॥ १ ॥ २४७ ॥ सुहुमेणं तं परिकम्म छन्नपएण इथिओ मन्दा। उव्वायं पि ताउ जाणंसु जहा लिस्सन्ति भिक्खुशो एगे॥२॥ २४८॥ पासे भिसं निसीयन्ति अभिक्खणं पोसवत्थं परिहिन्ति । कार्य अहे वि दंसन्ति बाहू उद्ध? कक्खमणुव्वए ॥ ३ ॥ २४९ ॥ सयणासणेहि जोगेहिं इत्थियो-एगया निमन्तेन्ति। एयाणि चेव से जाणे पासाणि विरूवरूवाणि ॥४॥२५०॥ नो तासु चक्खु संधेजा नो वि य साहसं समभिजाणे । नो सहियं पि विहरेजा एवमप्पा सुरक्खिओ होइ ॥५॥ २५१ ॥ आमन्तिय उस्सविया भिक्खु आयसा निमन्तेन्ति । एयाणि चेव से जाणे सद्दाणि विरूवरूवाणि ॥ ६ ॥ २५२ ॥ मणबन्धणेहि णेगेहिं कलुणविणीयमुवगसित्ताणं । अदु मञ्जुलाइँ भासन्ति आणवयन्ति भिन्नकहाहि ॥ ७ ॥ २५३ ॥
SR No.010590
Book TitleSuttagame 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorFulchand Maharaj
PublisherSutragam Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages1314
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, agam_acharang, agam_sutrakritang, agam_sthanang, agam_samvayang, agam_bhagwati, agam_gyatadharmkatha, agam_upasakdasha, agam_antkrutdasha, & agam_anutta
File Size89 MB
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