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________________ 555555555 ததமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிதழி नमन मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि आचार्य श्री शान्तिसागर जी महाराज (छाणी) के स्मृति ग्रन्थ का डॉ. कस्तूर चन्द जी कासलीवाल, जयपुर सम्पादन कर रहे हैं। अभी डॉ. सा. तड़ाई आये थे, तब उनसे भेंट हो सकी तथा स्मृति ग्रन्थ के बारे में चर्चा हुई। मुझे परम कृपालु प्रशममूर्ति आचार्य श्री शान्तिसागर जी महाराज के दर्शनों का सौभाग्य तो प्राप्त नहीं हो सका लेकिन सभी विद्वानों से मैंने उनकी प्रशंसा सुनी है तथा उनके त्याग एवं तपस्या के प्रति सभी श्रद्धावनत हैं। ऐसे परम निर्ग्रन्थ गुरु के चरणों में मैं भी बार-बार नमन करता हुआ कभी उन जैसा मैं भी बनूँ, यही कामना करता हूँ । रांगामाटी (रांची) बिहार श्रद्धासुमन मैं छोटानागपुर सराक जाति संघ की ओर से तथा मेरी ओर से परमपूज्य स्व. आचार्य श्री शान्तिसागर जी महाराज (छाणी) के श्री चरणों में सादर नमन करता हूँ। हमें प्रसन्नता है कि आचार्य श्री के प्रशिष्य परमपूज्य उपाध्याय श्री ज्ञानसागर जी महाराज हम सराक बन्धुओं को धर्मामृत का पान करा रहे हैं तथा हमारे पूर्वजों का स्मरण करा रहे हैं। आचार्य शान्तिसागर जी महाराज शान्ति एवं अहिंसा के अवतार थे। हम ऐसे आचार्य श्री के चरणों में बार-बार श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं। छोटा नागपुर रमेश चन्द मांझी दक्षिण दयाल चन्द सराक 5 प्रशममूर्ति आचार्य शान्तिसागर छाणी स्मृति-ग्रन्थ 27 75554645Y फफफफफफफफ
SR No.010579
Book TitlePrashammurti Acharya Shantisagar Chani Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain
PublisherMahavir Tier Agencies PVT LTD Khatuali
Publication Year1997
Total Pages595
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationSmruti_Granth
File Size22 MB
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