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________________ 47.4 नाम पाठ . पृष्ठ नाम पाठ पृ ष्ठश्रीअनन्तनाथजिनपूजा , २९६ तीर्थकगेंकी माताका नाम- ३५० शांतिनाथजिनपूजा - , ३०३ तीर्थकगेका निर्वाणक्षेत्र : ३५८ श्रीपार्श्वनाथजिनपूजा . ३०७ तीर्थकरोंके शरीरको ऊचाई - ३५८ श्रीदीपावलीवर्द्ध मानजिनपूजा ३१२ तीर्थंकरोंकी जन्मतिथि .. ३५६ सप्तऋषिपूजा . ३१६. पांच महाकल्याण ., ३५६ चतुर्विंशतितीर्थंकरनिर्वाणक्षेत्रपूजा३१६ चौंतीस अतिशय ...... ३६० स्वयंभूस्तोत्र संस्कृत ३२१ आठ महाप्रातिहार्य ... .-३६९ स्वयंभूस्तोत्र भाषा .. ३२४ चार अनंतचतुष्टय , ....३६१ निर्वाणकाण्ड गाथा .. ३२६ चार घानियाकर्म , ... ... ३६१ निर्वाणकाण्ड भाषा .... ३२८ समोशरणकी ११ भूमियां । -३६१ श्रीसम्मेदाचलपूजा बडी . ३३० समोशरणकी १२ सभायें....३६१. श्रीगिरनारक्षेत्रपूजा - ३४३ अठारह दोष ., . . ३६९ श्रीचंपापुरसिद्धक्षेत्र पूजा-३४. पोडश भावना ..: । ...३६२ श्रीपावापुरसिद्धक्षेत्रपूजा . ३५१. दशप्रकारके कल्पवृक्ष . . . . ३६१ छठा अध्याय । बारह चक्रवर्ती : ३६२ :: शास्त्रसारसमुचय।...: चक्रवतीके राज्यके अङ्गः - ३६२ पचपरमेष्ठीके नाम ..। ३५४. चक्रवतीके १४ रत्न . . ३६२ भूतकालके २४ तीर्थंकर ' ३५५ चक्रवर्तीके नवनिधि . 1 भविष्यत्कालके २४ तीर्थंकर ३६६. -३६३ वर्तमानकालके २४ तीर्थंकर २५५ . चक्रवर्तीके दशभोग .... . ३१३ ३५५ । तीर्थकरोंके चिन्ह. , ...३५६, नवनारायण .... -३६३, तीर्थकरोंकी जन्मभूमि ... ..३५६ नव प्रतिनारायण ........ १६३ राक पिताका नाम ... .३५७ नव बलभद्र .. .. it . Pu. .
SR No.010576
Book TitleVruhhajain Vani Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAjitvirya Shastri
PublisherSharda Pustakalaya Calcutta
Publication Year1936
Total Pages410
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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