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________________ ( २१४ ) जैतनत्त्वादर्श. धर्म बे. जैनमतना शास्त्रमां बीजी केटलीएक रीतथी पुण्य उपार्जन याय एम लखेलुं बे. ४ हवे पुण्यनां फल बेंतालीश प्रकारें जोगववामां यावेळे ते बेंतालीश प्रकार लखिये बिये. १ जेना उदयश्री जीव शाता जोगवे बे ते शाता वेदनीय, २ जेना उदयथी जीव क्षत्रियादि उंचा कुलमां उत्पन्न थाय बे ते उच्चगोत्र, ३ जेना उदयथी जीव मनुष्यगतिमां उत्पन्न याय बे ते मनुष्यगति, ४ जेना उदयथी जीव देवगतिमां उत्पन्न याय बे ते देवगति, ५ वक्रगति पराजवमा जतां, बलदने नाथ घालीने सिद्धो चलाववानी जेम, जे उपजवाने स्थानकें जीवने पहोंचाडे तेने श्रानुपूर्वी कड़े बे. मनुष्य गतिमां जीवने लाववाने उदयमां श्रावे ते मनुष्यानुपूर्वी, ६ देवानुपूर्वी, ७ जेना उदयश्री जीव पंचेंद्रियपणुं पामे बे ते पंचेंद्रियजाति, हवे पांच जातनां शरीर कहियें बियें. 0 जेना उदयश्री जीव औदारिक वर्गणानां पु लो ग्रहण करीने औदारिक शरीरनी रचना करे बे, अर्थात् औदारिक शरीरपणे परिणमावे बे, ते यदारिक शरीर, तेवीजरीतें ए वैक्रियशरीर. १० आहारक शरीर, ११ तैजसशरीर, १२ कार्मणशरीर, एम पांच शरीरनी प्रकृतिनो कार्य समजवो. तथा छांगोपांग त्रण बे. तेमां अंग, शिरप्रमुख, उपांग, यांगली प्रमुख, बाकीनां अंगोपांग बे. जेम के १ शिर, 2 बाति, ३ पेट, ४ पीठ, ५-६ बने हाथ उ-5 बने साथल, या आठ अंग बे, यांगली प्रमुख उपांग बे, नखादि अंगोपांग बे. जेना उदयथी जीवने प्रथमना त्रण शरीरना गोपांगनी उत्पत्ति थाय, तेनां नाम, १३ औदारिक अंगोपांग, १४ वैक्रिय अंगोपांग, १५ आहारक अंगोपांग, १६ जेना उदयथी जीव प्रथमनुं संहनन जेनुं नाम वज्रकषन नाराच बे, ते प्राप्त करे बे, तेनुं स्वरूप या प्रमाणे बे. वज्रनाम की लिका ( खीली ) बे, तथा कषन एटले परिवेष्टन पट्ट अर्थात् उपर लपेटवाना हाडरूप पाटो, तथा नाराच, ते मर्कटबंध, आ त्रणे रूपथी जे उपलक्षित ने तेने वज्जरपज नाराच संहनन कहे बे, हाडना संचय सामर्थ्यनुं नाम संहनन बे. या संहनन श्रदारिक शरीरवालाउंमांज होय बे. १७ जेना उदयथी जीवने प्रथमना समचतुरस्र संस्थाननी प्राप्ति थाय, तेनुं स्वरूप या प्रमाणे. सम अर्थात् तुल्य, जेनुं शरीर चारे बाजुएयी तुल्य, लक्षणयुक्त, प्रमाण
SR No.010519
Book TitleJain Tattvadarsha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayanandsuri, Mulchand Nathubhai Vakil
PublisherAtmaram Jain Gyanshala
Publication Year1899
Total Pages369
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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