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________________ पृष्ठ सुन्दरी १९० २४९ २७५ ३१३ ३२१ ३४० बोल ० पृष्ठ बोल नं० सोलह गाथाएं १५२ ८७५ सतियाँ सोलह १८५ ८६३ बहुश्रुत साधु की सोलह ब्राह्मी १८५ उपमाएं १५५ ८६४ दीक्षार्थी के सोलह चन्दनबाला(वसुमती) १९७ १५८ राजीमती ८६५ गवेषणा (उद्गम ) के द्रौपदी सोलह दोष १६१ कौशल्या २९८ ८६६ ग्रहणैषणा (उत्पादना) मृगावती ३०३ के सोलह दोष १६४ सुलसा ८६७ साधु को कल्पनीय ग्रामादि सीता सोलह स्थान १६६ सुभद्रा ८६८ आश्रव आदि के सोलह शिवा ३४६ १६८ कुन्ती ८६९ वचन के सोलह भेद १७० दमयन्ती ३५२ ८७० मेरु पर्वत के सोलह पुष्पचूला ३६४ नाम प्रभावती ८७१ महायुग्म सोलह १७२ ! पद्मावती ३६६ ८७२ द्रव्यावश्यक के सोलह ८७६ सतियो के लिए प्रमाण विशेषण १७६ भूत शास्त्र ३७५ ८७३ चन्द्रगुप्त राजा के सोलह । मतरहवाँ बोल संग्रह ३७७ स्वप्न १७८ | ८७७ विनय समाधि अध्ययन ८७४ भगवान महावीर की की सतरह गाथाएं ३७७ वसति विषयक सोलह ८७८ महावीर की तपश्चर्या गाथाएं १८२ । विषयक सतरह गाथाएं३८० भांगे ३६५
SR No.010512
Book TitleJain Siddhanta Bol Sangraha Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhairodan Sethiya
PublisherJain Parmarthik Sanstha Bikaner
Publication Year1942
Total Pages529
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size20 MB
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