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________________ () भेट विभाग में ले ली गई है। संस्था से प्रकाशित विको की पुस्तकें हैं और :२१६८ ऐसी पुस्तकें हैं जिन पर मूल्य नहीं लिखा हुमा है। कुल मिला कर ८१६७६ पुस्तकें स्टाक में हैं। पत्राकार सूत्र, थोकड़े, हास वगैरह की करीब १२००० पुस्तके स्टॉक में हैं। इस वर्ष लाइनरी: के जनरल रजिस्टर और प्रकारादि अनुक्रमणिका के रजिस्टर बनवाये । गये, जिनमें कई व्यक्तियों को काफी समय देना पड़ा। (२) वाचनालय विभाग-इस वर्ष दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक, त्रैमासिक पत्र पत्रिकाएं १८ आती रहीं। (5) पुस्तक लेन देन विभाग-इस वर्ष ११६ सन्जनों ने १९४७ पुस्तकों का लेन देन करके इस विमाग से नाम उठाया। धर्म प्रचार विभाग इसके अन्तर्गत उपहार विभाग,'धर्मोपकरण विभाग और दीक्षोपकरण विभाग ये तीन विभाग है। (१) उपहार विभाग-इस वर्ष २५०० पुस्तकें उपहार रूप में भिन्न भिन्न पुस्तकालयों (Libraries) और सन्ननों को पासल द्वारा भेजी गई तथा दी गई, उनमें मूल्य वानी पुस्तक १३२१ हैं जिनकी कीमत रुपये १ ) है। ११७८ ऐसी पुस्तकें हैं जिन पर मूल्य नहीं लिखा हुआ है। कुल मिला कर २५०० पुस्तकें हैं। इस लायरी में जिन सत्रों की अधिक प्रतियाँ थीं. वस्त्र अन्य मिन भिन्न सात लायरियों को भेट भेजे गये। (धर्मापकरण विभाग-इस विभाग द्वारा प्रासन (बैठका) पंजणी, नवकरवाली आदि धर्मोपकरण भावक भाविकाओं को भेट दिये गये जिनकी कीमत ४५४) होती है। () दीपकरण विभाग-दीक्षार्थियों को भोपा, पूंजणी, पातरा, कम्ममावस्त्र (खादी) तथा दीक्षोपयोगी अन्य फुटकर सामान (साया, कुदछिण, फीता, होरी भादि ) भेट दिया गया जिनकी कीमत Postel होती है। ... लोन (Loan वभाग इस विभाग द्वारा रूपये ७५२०11) ब शिक्षण प्राप्त करने वाले ११ विद्यार्थियों को उर्व शिक्षण के लिए दिया हुआ है। श्रीमान् मैगेदानज'। सा० सेठिया ने इस वर्ष ५०००) पांच हजार रूपये फिर इस विभाग में
SR No.010511
Book TitleJain Siddhanta Bol Sangraha Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhairodan Sethiya
PublisherJain Parmarthik Sanstha Bikaner
Publication Year2051
Total Pages506
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size17 MB
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