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________________ (४). .१.. श्रावक के बारह व्रतों की सक्षिप्त टीप · .. ५०० प्रति २. प्रतिक्रमण मूल (नवम आवृत्ति) ...... ३. भानुपूर्वी (अष्टम आवृत्ति) ... .. २००० ४. श्री जैन सिद्धान्त बोल संग्रह प्रथम भाग - (द्वितीयावृत्ति) ... .. .. १००० , ५. जैनागम तत्त्व दीपिका के प्रश्नोचरों में संशोधन सम्बन्धी पुस्तिका .. ... ५०० " ६. श्रीमान् भैरोदानजी.सेठिया की सक्षिस जीवनी ५०० ।७. आत्महित बोध भावना को दोहावली ... ५०, कुल ... ७.०० " श्री जैन सिद्धान्त बोल संग्रह चौथा भाग (द्वितीयावृत्ति) छप रहा है, उसका तीन हिस्सा छप चुका है। साहित्य निर्माण विभाग.। इस संस्था के अन्तर्गत साहित्य प्रकाशन विभाग द्वारा प्रकाशित होने वाली सत्र पुस्तकों का संशोधन और प्रफ प्रादि देखने का कार्य इस विभाग द्वारा हुआ।मुख विपाक सूत्र का अन्वय सहिन हिन्दी शब्दार्थ लिखवाना प्रारम्भ किया गया है। Paragraat ETTIR (Free Boarding House इस संस्था के अन्तर्गत विद्यालय विभाग में अध्ययन करने वाले विद्याथियों में से विद्यार्थी बोडिंग हाउस में रहे। उन सब का रहने का और भोजन आदि का प्रबन्ध संस्था से हुआ है। - ग्रन्थालय (लायब्रेरी) विभाग संग्रहालय विभाग-इस विभाग में इस वर्ष ३१ पुस्तके नई मंगाई गई। पुरानी पुस्तकें जिनकी जिल्द टूट गई थीं उनकी नई जिल्दें बंधाई गई । संग्रहालय में निम्नलिखित पुस्तकें है:-हिन्दी-६६६ संस्कृत प्राकृत ३०५३ । अंग्रेजी-२६६१ (नर्मन और पाली भाषा के प्रन्थ इसी में शामिल हैं)।गुजराती-१४११ । उद ३२ हस्तलिखित १२४१। इस समय रजिस्टर में नम्बर पर चढो हुई और एक्स्ट्रा पुस्तकें कुल मिनाकर १४७२४ पुस्तकें हैं। एक्स्ट्रा पुस्तकों में से कुछ पुस्तके विक्री विभाग और
SR No.010511
Book TitleJain Siddhanta Bol Sangraha Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhairodan Sethiya
PublisherJain Parmarthik Sanstha Bikaner
Publication Year2051
Total Pages506
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size17 MB
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