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________________ जमा करवाये हैं। वे रूपये, पहले से उनकी नेत्राय से त्याग किये हुए थे। ". कार्यालय विमागं ( Officer “इस विभाग में संस्था के समस्त आय व्यय को हिसाब किताब रखा जाता है और उसका बही खातों में जमा खर्च होता है। संस्था के अध्याएकों का वेतन और बिलों का भुगतान तथा रूपये पैसे सम्बन्धी सारा, लेनदेन और हिसाब कितीव इसी विभाग द्वारा होता है। इस संस्था से प्रकाशित पुस्तकें तथा श्री जैन हितेच्छु भाषक मण्डत रतलमि और श्री जवाहर साहित्य समिति भीनासर,आदि की पुस्तकें आईर के अनुसार बाहर बुक पोष्ट और वी. पी. पार्सल से भेजना, उनकी आई हुईवीपियों का हिसाब रखना तथा भेट से भेजी जाने वाली पुस्तकों की पासलें भेजना आदि सारा कार्य इस विभाग द्वारा किया गया, सामाजिक पन्न व्यवहार आदि समाज सेवा का कार्य भी इसी विभाग द्वारा हुआ है। : : श्रआय व्यय का विवरण (सन् १६४६) ई० १९३२) संस्था के कलकत्ता के मकानों का १२ मास का किराया। । १६) बीकानेर में ठारों की गली वाले मकान का किराया। . १ ) ब्याज, डिविडेण्ड पारिएंट पेपर मिल के प्रिफेरेंस शेयरों का आया। ..२५६६ )- कुल पाय व्यय का विवरण, (सन् १९४६ ई.) ४६/-), ब्याज खाते। ३ ) विद्यालयः...... तनख्वाह सुबह शाम को पढ़ाई का ट्युः शन... ३७०) सिद्धान्त गोला.... : तनख्वाह : ओवर टाइम स्लेट पाटी आदि। २००२०।। १६६१८) १६०). १४:२५) श्राविका कन्या शिक्षण वनख्वाह.. पढाई के लिए बाहर भेजा। १० ) ट्यूशन' कापी बतरणा आदि।। २१२।। xis) : १८६ue) ...५४४५
SR No.010511
Book TitleJain Siddhanta Bol Sangraha Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhairodan Sethiya
PublisherJain Parmarthik Sanstha Bikaner
Publication Year2051
Total Pages506
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size17 MB
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