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________________ मोलन पृष्ठ बोल नं. २२० जीवानन्द वैध (ऋषभदेव २१ दृष्टान्त नन्दमणिकारका ४४४ का नवां भष) ४१३/२१ दृष्टान्त मयूराण्ड का ४५३ ७७७ जीवाभिगम २१६ | २१ दृष्टान्त वजस्वामी का ४८१ ७८१ जैन साधु के लिये मार्ग ८२१ दृष्टान्त वणिक् का ४५६ प्रदर्शक बारह माथाएँ २५५ / २२१ दृष्टान्त विष्णुकुमार का ४५ ८०८ ज्ञान देषों में ३३० २१ दृष्टान्त श्रेणिक का ४६५ ७७६ ज्ञाताधर्मकथाङ्ग सूत्र १८५ / २१ दृष्टान्त श्रेयांसकुमार का ४२३ L ज्योतिषियों को संख्या ३०० २१ दृष्टान्त सयडाल का ४६१ ८०८ दृष्टि देवों की ३३० ७७६ ठाणा सूत्र 100८ देवलोकों की ऊँचाई ३१८ | ८०८ देवलोक बारह ३१८ ७७० णाय चाणायपुत्त ४८०८ देवलोकों में परिषदाएँ ३२५ ७७६ णायाधम्मकहा १५ | ८८८ देवलोकों में स्थिति ३२४ । ७०० देवार्य १० L तारों की संख्या ३००८०८ देवों का अवधिज्ञान ३३० तेरहवाँ बोल संग्रह ३६१/८०८ देवों का आहार फाल ३३५ ८०८ देवों का उच्छवास ३२६ ७७१ दशवकालिक की गाथाएँ ११८०८ देवों का उच्छवास काल ३३५ ८२१ दुर्गन्धा का दृष्टान्त ४५८८०८ देवों का वर्ण ३२६ ७७२ दुर्लभ ग्यारह १७८०८ देवों का संहनन ३२६ ७८० दृष्टान्त अननुयोग के २३८८०८ देवों का स्पर्श ३२६ ८२१ दृष्टान्त आर्याषाढ का ४६६ ८०८ देवों की अवगाहना ३२६ ७६२ दृष्टान्त कम्मियाबुद्धि के २७६ | ८८८ देवों की उत्पत्ति ३२८ ८२१ दृष्टान्त कुशध्वज का ४५५ ८०८ देवों की ऋद्धि ३३१ २१ दृष्टान्त चिलातीपुत्र का ४३४८०८ देवों की गतागत ३२८ ५२१ दृष्टान्त सम्यक्त्व के ४२२ / ८८ देवों की वेशभूषा ३३१ २१ दृष्टान्त दुर्गन्धा का ४५८०८ देवों की संख्या ३२० २१ स्टान्त घलासार्थका ४४६ ८.८ देवों के प्रवान्तर भेद ३३३
SR No.010511
Book TitleJain Siddhanta Bol Sangraha Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhairodan Sethiya
PublisherJain Parmarthik Sanstha Bikaner
Publication Year2051
Total Pages506
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size17 MB
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