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________________ बातें की ५९३ आत्मा के आठ भेद ९५/ - ई-उ .७१७ आनुपूर्वीदस प्रकार की ३९० | ६०९ ईषत्प्राग्भारा पृथ्वी के ६९० आन्तरिक्ष अस्वाध्याय आठ नाम १२६ . दस .. ३५६ | ७०४ उत्तरगुण पच्चक्खाण ५८८ श्रायम्बिल के श्रागार ४१ दस ३७५ ६३६ आयु परिणाम नौ २०४ | ७३७ उदधिकुमारों के दस ६०० आयुर्वेद पाठ ११३ । अधिपति ४१९ ६५३ आर्य अनृद्धिप्राप्त के | ६६८ उपघात दस २५४ नौ भेद २१९ | ५८५ उपदेश के योग्य पाठ ६७० श्रालोयणा करने योग्य __साधु के दस गुण २५८ |५८४ उपदेश पात्र के आठ गुण ६७२ आलोचना (आलोयणा) ६२२ उपमाएं आठ अहिंसा - के दस दोष २५९ / ६७१ आलोचना (आलोयणा) | ६२३ उपमाएं पाठ संघरूपी देने योग्य साधु के नगर की १५६ दस गुण २५९ ए-औ ५७६ आलोयणा करने वाले | ५८६ एकल विहार प्रतिमा के पाठ गुण १६ के पाठ स्थान ३९ ५७५ आलोयणा देने वाले ____ साधु के गुण आठ १५ | ५८७ एकासना के पाठ ५७८ बालोयणा न करने के श्रागार ४० आठ स्थान १८ ६६३ एषणा के दस दोष २४२ ५७७ आलोयणा (माया को) ६९१ श्रौदारिक अस्वाध्याय ३५८ के पाठ स्थान १६ ६८७ आवश्यक कदस नाम५० | ५९२ करण आठ ९४ ६६७ आशंसा प्रयोग दस २५३ | ५९० कर्म पाठ ४३ ६८१ आश्चर्य दस २७६ | ७६० कर्म और उनके कारण ४४१ औ
SR No.010510
Book TitleJain Siddhanta Bol Sangraha Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhairodan Sethiya
PublisherJain Parmarthik Sanstha Bikaner
Publication Year1942
Total Pages490
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size17 MB
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