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________________ २४२ ४५० ६६२ कल्प दस . . २३४ | के पाठ भेद । १२९ -७५७ कल्प वृक्ष दस . ४४० | ५६७ गुण आठ सिद्ध भग७४१ कल्पोपपन्न इन्द्र दस ४२० | वान् के ... ५९५ कारक पाठ १०५ ६०४ ग्रह आठ १२१ - ५८२ कारण आठ झूठ ६६३ प्रहणैषणा के दस . बोलने के ३७ ६३४ काल के नौ भेद २०२ ६३९ काव्य के नौ रस २०७ ६५४ चक्रवर्ती की महानिधियाँ ७५४ फुरु क्षेत्र ४३८ नौ २२० ७६६ कुलकर दस (अतीत ६८३ चक्रवर्ती दस दीक्षा काल के) ४४९ लेने वाले .. २९२ ७६७ कुलकर दस (भविष्य- ६०० चिकित्सा शास्त्र पाठ ११३ काल के ६०३ चित्त के पाठ दोष १२० ६१६ कृष्ण गजियाँ १३३ ५७४ चित्तसमाधि के स्थान २६२ ६५५ केवली के दस अनुत्तर २२३ ६०२ छग्रस्थ पाठ बातें नहीं ६३१ काटियों नौ भिक्षा की १७६ । देख सकता . १२० ७०२ क्रोध के नाम ३७४ | ७१६ नहीं देख सकता ३८९ ५८९ गंठी मुठी श्रादि संकेत पच्चक्खाण ६८२ विच्छिन्न बोल दस २९२ ५९६ गण आठ १०८ ६२४ जागरिका तीन १६८ ५६५ गणधर आठ भगवान् ६४१ जाणकार के नौ भेद २१२ पार्श्वनाथ के ३ | ७२६ जीव दस ४१४ ६२५ गण नौ भगवान् ७२७ जीव दस ४१५ महावीर के १७१ / ७४९ जीव परिणाम दस ४२६ .५७४ गणि सम्पदा ११ | ७४२ ज़म्भक देव दस : ४२० ७२५ गति दस ४१३ | ६१३ गन्धर्व (वाणव्यन्तर) ६४१ ज्ञाता के नौ भेद २१२ बातों को ग
SR No.010510
Book TitleJain Siddhanta Bol Sangraha Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhairodan Sethiya
PublisherJain Parmarthik Sanstha Bikaner
Publication Year1942
Total Pages490
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size17 MB
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