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________________ तृतिय भाग । (१६३ ) केकई की चतुरता से और अपने पराक्रम से महाराज दशरथ ने सबों को मार भगाया । पश्चात केकई के गुणों से प्रसन्न होकर वर मांगने को कहा । केकई ने उस वर को राजा के पास घरो हर रख दिया । इसके पश्चात अयोध्या में इनकी सब से बड़ी रानी कौशल्या से श्री रामचन्द्र का जन्म हुआ । जिन्हें पद्म और बलभद्र भी कहते हैं। इसके पश्चात सुमित्रा से लक्ष्मण का जन्म हुमा । केकई से भरत का जन्म हुआ। और सब से छोटी रानी सुप्रभा से शत्र घन का जन्म हुधा । साधु-रामायण में तो शत्र घन का जन्म सुमित्रा से ही बताया है। -रामायण की प्रत्येक बात सच नहीं मानी जा सकती। किन्तु जैन शास्त्र पद्मपुराण ऐसे भाचार्य के द्वारा लिखा गया है जो स्वार्थ से बिल्कुल परे थे। जिनको इतना ज्ञान प्राप्त था । कि वो भूत काल सम्बन्धी बातों को स्पष्ट जान सकते थे। हमें उन्हीं के वचन प्रमाण हैं। सा०-अब श्राप कृपा करके सीता के विषय में दिखलाईये ब्र०—पहले रामचन्द्र और तीनों भाइयों की विद्या प्राप्ती दृश्य दिखा कर फिर सीता के विषय में दिखताउंगा । यह पद्म पुराण बहुत बड़ा शास्त्र है । यदि इस की एक एक बात स्टेज पर दिखाई जाय तो करीब एक माह चाहिये । इस लिये मैं जनक
SR No.010505
Book TitleJain Natakiya Ramayan
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages312
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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