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________________ वतीय माग भपारे पर चढा २ कर मेरा घर बर्बाद कर दिया। (बला जाता है। मोहिनी दूसरी ओर से सतीष को साथ लिये हुने आती है। मोहनी-सतीष देखो तुम और मैं दोनों एक दूसरे के प्रेम में जकड़े हुवे हैं। दोनों में से किसी का भी विवाह नहीं हुमा है ! दोनों एक ही क्लास के हैं। सतीष-किन्तु तुम्हें अपने दिये हुये टायम से २ मिनट की देर क्यों होगई ? . ___ मोहिनी-उस बुढे बापने तवियत खराब का ढोंग बनाकर मुझे रोकना चाहा था । इसी से देर होगई। मैं क्षमा चाहती हूं। सतीष-मेरी तवियत तो इस समय मिल कर गाने को चाहती है । आपकी क्या राय है? मोहनी--क्या मोहनी कभी गाने में आज तक पीछे ही है ? सवीप-तो शुरू कीजिये। मोहिनी-प्रस्ताव आपका ही है। भाप ही नेता बनिये । (दोनों मिल कर गाते और अमेजी नाच नाचते हैं) गाना सती -मोहिनी मोह लिया तेरे काले बालों ने।
SR No.010505
Book TitleJain Natakiya Ramayan
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages312
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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