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________________ ७२४ जम-गौरव-स्मृतियां HWANAPANNARMEENAKPATRAKHANRNAMANARTHA .. . ... *श्री सेठ वृजलालजी कोचर-अमृतसर . ... श्री सेठ वृजलालजी धीर, वीर एवं वृद्ध अध्ययसायी सज्जन है: अपने सद्परिश्रम से अल्पसमप में ही अच्छी उन्नति करली । तपगछ में आपने १००१) २० प्रदान किए और बीकानेर दादाबाड़ी में . मी आपका सहयोग रहता है। आपके मेघः । राज जी और विजयकुमारजी नामक दो . पत्र हैं जिनका जन्म क्रमशः सं० १६६२ एव: २००५ का है। __ आपकी फर्म 'श्री शिवचन्द कोचर'.... आलू वाल कटरा एवं ब्राँच "शिव- ... चन्द वृजलाल एण्ड को"के नाम से है। प्रान्च पर स्वदेशी माल थोक चन्द ... मिलता है । फर्म पर कमीशन एजेण्ट का काम भी होता है। .. ★सेठ दुलीचंदजी मित्तल-भिवानी ... मित्तल ( अग्रवाल ) गोत्रोत्पन्न । श्री लाला बद्रीप्रसादजी के पुत्र दुली चंदजी का जन्म सं० १९८० का है। . आप उत्साही मिलनसार एक सार्ग-. जनिक कार्यक्रमों में भाग लेने वाले . सज्जन हैं । स्थानीय श्वे० तेरापंथी सभा के कोषाध्यक्ष है। व्यापारिक __ कार्यों में भी आप बड़ी योग्यता से. ।.. अपने पूज्य पिताजी को सहयोग देते. . . . हैं । आपके रोशनलालजी नामक म पुत्र एवं सत्यवती नामक कन्या है... जिनकी आयु.क्रमश ४ एनां.२ वर्ष की... है। आपकी फर्मे "परशराम दुली.. जंद" हालां बाजार भिवानी, परशराम, जुगलकिशोर 'बम्बई' एवं देहली में मंगत.' ..... " M
SR No.010499
Book TitleJain Gaurav Smrutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManmal Jain, Basantilal Nalvaya
PublisherJain Sahitya Prakashan Mandir
Publication Year1951
Total Pages775
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size44 MB
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