SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 687
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ जैन-गौरव-स्मृतियाँ ...साम दुलीचंद हैं । इन सब फर्मों पर क्लोथ मर्चेण्ट, एकां कमीशन एजेंट का काम होता है । स्थानीय गौशाला के आप प्रबंधक है। .. *लाला त्रिलोकचंदजी बंसल, कालका (अम्बाला) श्री लाला त्रिलोकचंदजी राष्ट्रीय कार्यकर्ता शिक्षा प्रेमी एवं सरलचिसे महानुभाव है । १६ वर्ष तक कॉग्रेस कमेटी के प्रधान रह चुके हैं और कई बार .." m. . .. MALHist...- . : " . ... 1 . . AS .. aniyamiti F v ... .. . ..... " li ':... -:-..' ' लाला त्रिलोकचंदजी स्व० सेठ चमेलामलजी जलयात्रा भी कर चुके हैं। अपने विशाल भवन में से एक हिस्से का दो मंजिल मकान एस. एस. जैन सभा को समर्पित किया । धार्मिक कार्यों में भी श्राप अने. सर होकर कार्य करते है । स्थानीय समाज में आपके परिवार की बड़ी प्रतिष्ठा है-वर्तमान में आपके यहां "वीम्मल चमेलामल" के नाम से आदत और जनरल मचंटस् का कार्य होत है । मोटरट्रांसफोटं नामक कम्पनी का सबालन आप ही करते हैं। लाला आत्मारामजी जेन छाजेड़, थानेश्वर (कुरुक्षेत्र) श्री सेठ प्रात्मारामजी का जन्म १६५८ का है। श्रात्मारामजी कुशल यवसायी, मिलनसार और उदार दिल सज्न है आपके पवन कुमारजी, नेमकुमारजी मदन कुमार जी नामक ४ पुत्र हैं। श्री सेट छजूरामजी के द्वितीय पत्र मेजारामजी का जन्म सं० १६५८ का है । प्राय राष्ट्रीय विचारों के जन सेवा सवा .
SR No.010499
Book TitleJain Gaurav Smrutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManmal Jain, Basantilal Nalvaya
PublisherJain Sahitya Prakashan Mandir
Publication Year1951
Total Pages775
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size44 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy