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________________ जैन-गौरव-स्मृतियां सिरोही, पावर हाऊस" के डायरेक्टर हैं । आपके पूर्वजों का राज्य परिवार से , अच्छा सम्बन्ध था । आप बड़े मिलनसार, उदार चेता और हँसमुख हैं। आपके .. पत्रे वसन्तजी इंटर में अध्ययन कर रहैं। *सेठ बाबूमलजी सिंघी, सिरोही राष्ट्रीय कार्यों में उत्सह पूर्वक भाग लेने वाले धार्मिक तथा सामाजिक, कार्यों में अग्रेसर होकर काम करने वाले श्री सेठ वाबूलालजी ४० वर्षीय उत्साही सज्जन है । आपकी मिलन सारिता और व्यापारिक प्रवीणता के कारण स्थानीय नगर में बड़ी प्रतिष्ठिा है । अधिवेशन, सभा संस्थायें आपके सहयोग के कृतार्थ हैं । आपके तीन पुत्र और कन्या है । इन्डस्ट्री इजिंनिरियङ्ग के नाम से आपका . व्यापार होता है और इस विषय में बड़े दक्ष हैं । आपके पूज्य पिता श्री पूनम. चन्दजी बड़े धर्मिष्ठ सज्जन थे। *नी धर्मचन्दजी सुराणा एडवोकेट, सिरोही, आप राजनीति में विशेष सक्रियता से भाग लेते हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय आन्दोलनों में आप दो बार जेल जा चुके हैं । जिस प्रकार आप राष्ट्रीय कार्यों में खुल कर भाग लेते हैं पैसे ही सामाजिक एवं धार्मिक कार्यों में भी अग्रसर हैं । आपके पिता श्री प्रतापचन्दजी धर्म निष्ठ और जनसेवक सज्जन हैं। सिरोही के लोकप्रिय एडवोकेटों में आप सर्व प्रथम हैं तथा "धार एसोशियशन" के प्रेसीडेन्ड है। आपके पुत्र सुरेशचन्दजी इंटर में अध्ययन कर रहे है । इनसे छोटे नरेन्द्रकुमार है। "सुराणा एन्ड सन्स" के नाम से जोधपुर में आपकी फर्म पर .. जनरल मर्चेन्ट का काम होता है । ★श्री हुकमीचन्दजी सेठ, सिरोही - जन्म १६६२ आश्विन कृष्णा १० । पिता-सेठ जवानमलजी । गोत्र-सेठ ओसवाल, श्री श्रीमाल । एडवोकेट हाई कोर्ट राजस्थान । पब्लिक प्रोसेंक्य टर तथा लीडर सिरोही हैं । आपके पूर्वज सिरोही स्टेट के बैंकर्स रहे हैं । तथा सं० १२०८ में आपके पितामह ने श्री वासुपूज्य स्वामी का जिनमंदिर बंधवाया था। दी इलेक्ट्रिक सप्लाई कं. लि. सिरोही के आप डायरेक्टर है । तथा पंजाब नेशनल बैंक लि. सिरोही के खजांची है । काँग्रेस के सक्रिय सदस्य हैं । सिरोही के सार्वजनिक कार्य कर्तायों में आपकी बड़ी हा है। ... ... .. . aauravunn.. . -- m ei'. . . दर-irinews
SR No.010499
Book TitleJain Gaurav Smrutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManmal Jain, Basantilal Nalvaya
PublisherJain Sahitya Prakashan Mandir
Publication Year1951
Total Pages775
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size44 MB
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