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________________ . जैन-गौरव-स्मृतियां - - - * सेट मांगीलालजी पांड्या, सुजानगढ़. ... ... ... ... . आप सुनानगढ़ .... के एक सुप्रतिष्ठित .. विचारवान शिक्षा प्रसी संज्जन है कलकत्ते में जु.... हारमल पम्पा लाल के नाम से ६२ नलिनी सेटरोड पर आप काजूट काव्यव. साय - विशाल. पैमाने पर होता है । विशेष विषरण बंगाल कल: .. कत्ता विभाग में दिया जा रहा ... .. . . । 15.priN - :.. . .... *सेठ हजारीमलजी डागा, गंगाशहर (बीकानेर) . . श्राप गंगा शहर के एक आगेवान सज्जन हैं । पञ्च एवं पञ्चायती में आपकी राय सर्व मान्य और वजनदार मानी जाती है। इस समय आपकी अवस्था ७२ वर्ष के करीब है। अपना सारा समय धर्म ध्यान में ही व्यतीत करते हैं । आपके ३ पुत्र है:-श्री भैरोदानजी, भंवरलालजी तथा केशरीचंदजी । भैरोदानजी के . जेठमल नामक ६ वर्षीय पुत्र, भंवरलालजी के मेघराज नामक ७ वर्षीय पुत्र है। मेरोदानजी, भंवरलालजी तथा केशरीमलजी की उम्र क्रमश-३६, ३३ तथा २८ वर्ष .. है.। आप.सव सरल प्रकृति के मिलनसार सज्जन है। तीनों ही अपने व्यवसाय: : देख रेख करते हैं। आपका हजारीमल भंवरलाल" के नाम से लाबूजी
SR No.010499
Book TitleJain Gaurav Smrutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManmal Jain, Basantilal Nalvaya
PublisherJain Sahitya Prakashan Mandir
Publication Year1951
Total Pages775
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size44 MB
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