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________________ जैन-गौरव-स्मृतियाँ .. . *. सैठ घेवरचन्दजी रामलालजी बोथरा, गंगाशहर (बीकनेर) ... : । आप यहा के प्रतिष्ठित श्रीमंत्तों में से हैं। आपके पिताजी का नाम राज - रूपजी है। वर्तमान में आप दोभाई है-श्री घेवरचन्दजी तथा रामलालजी दोनों का सम्मिलित व्यापार चलता है । कलकत्ता में घेवरचन्द रामलाल के नाम से १५ नूरमल लोहिया स्ट्रीट में आपका जूट व कपड़े की आढ़त का काम होता है। पाकि स्तान फूल बाड़ी में भी इसी नाम से पाट व धान का व्यावार होता है। दोनों स्थानों ... पर यह फर्म प्रसिद्ध श्रीमन्त फर्मों में गिनी है। दोनों भाई बड़े. धार्मिक वृत्ति के उदार सज्जन हैं। आपकी ओर से गंगा . शहर में एक पाठशाला चलती है। आपने अपना निजि विशाल भवन स्थानक के लिए प्रदान कर रक्ग्वा है । धार्मिक कार्यों में आपकी सदा सहायता रहती है। * सेठ नेमीचन्दजी पींचा, गंगाशहर (बोकानेर - - - - आप यहाँ के एक उत्साही समाज : सेवी उदार सज्जन हैं। जन्म वि.स. १९६० आपके पिता का नाम सेट कुशलचन्दजी पींचा था । वदों का चौक बीकानेर में 'नेमीचन्द पींचा के नाम से आप मान चाँदी का व्यवसाय करते हैं। अापके पुत्र है- खेमचन्द मोहनलाल, श्रास करण तथा किशनी कुंवर नामक एक पुत्रा है। . .... SH .. आप हर सामाजिक धार्मिक व राष्ट्रीय काम में उत्साह पूर्वक भाग लेते हैं। अपनी जन्म भूमि ग्वारिया में पानी की सुविधा के लिये बीकानेर में पत्थर भेज कर पक्का कुत्रा बनवाया है। -- सेठ शुभकरणजी सुराणा-चुरु ( बीकानेर ) . जन्म सं. १६५३ श्रावण शुक्ला ५ श्राप भी सेठ तोलारामजी के दत्तक पुत्र हैं । बाध्याय शील, जनसेवक और साम्प्रदायिकता से परे रचनात्मक कार्यों
SR No.010499
Book TitleJain Gaurav Smrutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManmal Jain, Basantilal Nalvaya
PublisherJain Sahitya Prakashan Mandir
Publication Year1951
Total Pages775
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size44 MB
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