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________________ ५७१. प्रन्थ के माननीय सहायक . __सार व्यक्ति हैं इनसे छोटे श्री मूलचन्दजी संस्कृत के अच्छे ज्ञाता है। आप जन साधारण जीवन में विशेष रूचि से भाग लेते हैं। सेठ जयचन्दलालजी रतनलालजी माणकचन्दजी रामपुरिया आप लोगों की की गणना बीकानेर के प्रतिष्ठित श्रीमानों में है। आप स्व० सेठ हीरालालजी रामपुरिया के पौत्र तथा सेट सौभाग्यमलजी के सुपुत्र हैं। आपने पृज्य दादा और पिताजी की स्मृति में २ लाख रुपये का "सेट . हीरालाल सोभागमल रामपुरिया चैरिटीट्रस्ट "नासक कोप निकाल कर जैन हित सेवा का अपूर्य परिचय दिया। सेट जयचन्दलालजी रामपुरियाः- आप एक मिलनसार ,साहित्यप्रेमी, परोपकारी एवं समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं। आपका व्यापारी समाज में .. अधिक सम्मान है । आप बीकानेर जिपसूमस लिमिटेड, रामपुरिया कॉटन मिस लिमेटेड तथा रामपुरिया प्रोपरटी लिमीटेड के डायरेक्टर तथा प्रमुख 1 कार्यकर्ता है। आप फर्म "हजारीमल हीरालल" को सक्रियमहयोग देते हैं। संट रतनलालजी रामपुरिया :- अल्पायु में ही आपने काफी मुमश प्राप्त कर लिया है। आप बीकानेर रिफ्यूजी रिलीफ कमेटी के चेयरमैन तथा बीकानेर चैम्बर आफ कोमर्म की कार्यकारिणी के सक्रिय सदस्य हैं। कुछ वर्ष तक डाईरेक्टर रह कर इस वर्ष-दीक ऑफ वीकानेर लिमिटेड के चेयरमैन नियुक्त हार है। आपको सदा से ही विद्या से प्रेम रहा है तथा अनेक प्रकार में विद्यार्थियों को सहायता प्रदान करते है. श्राप "दी ग्रेट इण्डिा ट्रेडिंग कम्पनी' के डायरेक्टर रहे इस प्रकार में आप कई व्यवसायिक क्षेत्रों से सम्बन्धित है। श्राप २५ वर्ष के होनहार नत्र युवक है। अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार प्रमार के इंतु पाप हम वर्ग: विलायत, अमेरिका प्रादि जाकर शापारिक सम्बन्ध स्थापित करने का विचार कर रहे हैंभापक प्रिमरहसार गार राजन्द्रनार नानफ दो सपना ... , . 1-.". .... . .. ' ... .. । . " ...... . प . .' . .sa' - S ACTOR
SR No.010499
Book TitleJain Gaurav Smrutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManmal Jain, Basantilal Nalvaya
PublisherJain Sahitya Prakashan Mandir
Publication Year1951
Total Pages775
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size44 MB
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