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________________ जैन गौरव-स्मृतियाँ * * उपाधि से सन्मानित किया गया है। समाज से आपको बहुत श्याशायें है । द्वितिय पुत्र श्री. निर्मलचन्दजी प्रथमवर्प विज्ञान में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं तथा सबसे छोटे पुत्र सुशीलचन्दजी ६ वीं कक्षा में अध्ययन कररहे हैं। श्री साह श्रेयांसप्रसादजी जैन, बम्बई ___आप भारत के प्रसिद्ध उद्योगपति डालमिया जैन ग्रुप के द्वारा बम्बई प्रान्त में संचालित औद्योगिक संस्थाओं के प्रमुख अधिकारी, व्यवस्थापक व संचालक है। आपका जन्म नजीवावाद के प्रतिष्ठित साहू परिवार में सन् १६०८ में हुआ। आपका खानदान अपनी अपूर्व व्यापार कुशलता एवं सहृदयता के लिये प्रसिद्ध है। साहजी ने अपने नगर और जिले की जनता की भलाई के लिये धन सहायतार्थ लगा कर कई प्रसंशनीय कार्य किये हैं और करते रहते हैं। समाज सुधार तथा जनजागृति के कामों में आपकी अच्छी रुचि है। आपने इन सत्कार्यो में एक बड़ी रकम दान की है । 'महिला शिक्षण सेवासमिति' आदि मसार क्षेत्रों में आपने बड़ी सेवाएँ की है।। आप एजुकेशन कमेटी श्राफ डिस्टिक्ट बोर्ड विजनौर के प्रेसीडेण्ट तथा नर्जीवावाद म्यूनिसीपल बोर्ड के कई वर्षों तक वाईस चेयरमैन रहे हैं। आपका व्यापार कौशल भी अद्भुत है । शाह रवर्स लिमिटेड बम्बई के चेयरमैन तथा भारत इंश्युरेन्स कं. लि. लाहौर के वा. चेयरमेन है। भारत बैंक लि. दिल्ली, भारत फायर एन्ड जनरल इंश्युरन्स कं. लि. दिल्ली, सिमेण्ट मार्केटिंग के ऑफ इंडिया लि. बोम्ब, इलाहाबाद लॉ जनरल कं. लि., बेनेट कोलमन कं. लि., दी वोम्बे क्योरिन प्रोडक्ट लि., दी सरशग्रजी भडीच मिल्स कं. लि. दी माधवी धरमी मेन्यु फेक्चरिंग कं. लि., धांगध्रा मेन्युफेक्चरिंग कं. लि बोम्ब एड दी लाहौर इलेक्ट्रिक सप्लाई कं. लि., लाहौर श्रादि के डायरेक्टर हैं ।। जैनसमाज के तो श्राप प्रमुख आगवान नेता है । समाजोन्नति की कई योजनाओं के आप जनक तथा परम सहायक है। जैनसमाज की कई. जनहितकारी संस्थाएं आपकी सहायता से पोषण पा रही है। वर्तमान में श्राप अ. भा. दिगम्बर जैनसंच तथा नापम बहाचर्याश्रम मथुरा के सभापति है तथा अ. भा. दिगम्बर जैनपरिषद के सभापति है जैनसमाज को श्राप जैसे व्यक्तियों पर गौरव है । पता-१५ए. एल फिन्टन सम्ल कोर्ट यम्बई ।
SR No.010499
Book TitleJain Gaurav Smrutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManmal Jain, Basantilal Nalvaya
PublisherJain Sahitya Prakashan Mandir
Publication Year1951
Total Pages775
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size44 MB
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