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________________ (४८) असंख्याता. वर्ष का, हरिवास रम्यकवास . में दो पज्योपम का व देवकुरु और उत्तर कुरु में तीन पज्योपम का आयु होता है. (४०) प्रश्नः जुगलिया मरके किस गति को प्राप्त करते हैं? उत्तरः देवगति को. . (४१) प्रश्नः जुगलिया के शरीर की उत्कृष्टी अवघेणा . अवगाहना (शरीर की उंचाई) कितनी है ? ' उत्तरः हेमवय हिरण्यवय में एककोस, हरिवास रम्यकवास में दो कोस व देवकुरु उत्तरकुरु में तीन कोस की अवघेणा होती है. (४२) प्रश्नः जुगलिया कौन धर्म पालते हैं जैन या किसी अन्य ? उत्तरः वे कोई धर्म पालते नहीं हैं व उनको धर्म पालने जैसी समझ होती नहीं है, मगर उनके आचरण भी बुरे होते नहीं है स्वभावः में वे सरल और भद्रिक परिणामी होते हैं. (४३) प्रश्नः त्रीश अकर्मभूमि के अलावा और कोई . जगह जुगलिया के क्षेत्र है या नहीं? है तो उत्तरः छप्पन अंतरद्वीपा में थी जुगलियारहते हैं. (६४) प्रश्नः छप्पन अंतर द्वीपा कहां है ? : उत्तरः लवण समुद्र में... (४५) प्रश्नः अंतरीपा नाम क्यों कहा जाता है ? ... . उत्तरः संमुद्र में अंतरिक्ष याने अद्धर दोने से.
SR No.010487
Book TitleShalopayogi Jain Prashnottara 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharshi Gulabchand Sanghani
PublisherKamdar Zaverchand Jadhavji Ajmer
Publication Year1914
Total Pages77
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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