SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 25
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (१५) (३१) प्रश्नः ढाई द्वीप कौनसे ? । उत्तरः जंबुद्वीप १ धातकी खंड २ और अर्ध पुष्कर द्वीप मिलकर ढाई. (३२) प्रश्नः अर्ध पुष्कर द्वीप कितना बड़ा है ? उत्तरः उसका पट आठ लाख जोजन का है. (३३) प्रश्नः जंबुद्वीप जैसे कितने विभाग अर्ध पुष्कर द्वीप में से हो सकते है ? उत्तरः ११८४ (४५४४५=२०२५-८४१=११८४) (३४) प्रश्नः ढाईद्वीप की लंबाई चौडाई कितनी है ? उत्तरः ४५ लाख जोजन की. (३५) प्रश्नः अर्ध पुष्कर द्वीप में मानुष्योत्तर पर्वत की दूसरी वाजु कौन वसते हैं ? उत्तरः तिर्यच. पशु पक्षी वगेरे. (३६) प्रश्नः पुष्कर द्वीप की पेली वाजु लोक में क्या है ? उत्तरः असंख्याता द्वीप समुद्र एक दूसरे की चो तरफ आये हैं. सब उत्तरोत्तर दुगुणा होते गये हैं. अखीरी व सब से वडा स्वयंभुरमण समुद्र है जिसके बीच में सवद्वीप समुद्र है. स्वयंभु रमण समुद्र ने अर्धराज जितनी जगह रोकदी है स्वयंभुरमण समुद्र की चोतरफ वारंह जोजन में घनोदधि, घनवा व तनवा है फिर वहांसे त्रीला लोक का अन्त आता है. तत्पश्चात अलोक है जो अनंत है याने जिसका अन्त नहीं है.
SR No.010487
Book TitleShalopayogi Jain Prashnottara 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharshi Gulabchand Sanghani
PublisherKamdar Zaverchand Jadhavji Ajmer
Publication Year1914
Total Pages77
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy