SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 24
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ } ( १४ ) उत्तर: १४४ ( १३४१३=१६६-२५=१४४ ) (२२) प्रश्न: धातकी खंड की चोतरफ क्या है ? उत्तरः कालोदधि समुद्र.. (२३) प्रश्न: कालोदधि समुद्र कितना बड़ा है ? उत्तरः उसका पट आठ लाख जोजन का है. (२४) प्रश्न: जंबुद्वीप जैसे काल्लोदधि समुद्र में से कितने विभाग होते हैं ? - उत्तरः ६७२ ( २६ X २६-८४१ – १६६ = ६७२) (२५) प्रश्न: कालोदधि के चौतरफ क्या ? उत्तर: पुष्कर द्वीप. (२६) प्रश्न: पुष्कर द्वीप कितना बड़ा है ? उत्तरः उसका पट सोलह लाख जोजन का (२७) प्रश्न: पुष्कर द्वीप के बीच में क्या है ? उत्तरः मानुष्योत्तर पर्वत. (२८) प्रश्न: मानुष्योत्तर पर्वत कौनसी दिशा में है ? उत्तर: यह पर्वत भी अढीद्वीप के चोतरफ कंकण का आकार में गढ़ की नाई हैं. (२६) प्रश्न: वह पर्वत मानुष्योत्तर किस वास्ते कहा जाता है ? उत्तरः वह मनुष्य क्षेत्र की मर्यादा करता है जिस वास्ते उसको मनुष्योत्तर पर्वत कहते हैं इसके आगे असंख्यात द्वीप है मगर किसी में मनुष्य नहीं है. (३०) प्रश्न: मनुष्य क्षेत्र में कितने द्वीप व समुद्र हैं उत्तर: हाई द्वीप व दो समुद्र.
SR No.010487
Book TitleShalopayogi Jain Prashnottara 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharshi Gulabchand Sanghani
PublisherKamdar Zaverchand Jadhavji Ajmer
Publication Year1914
Total Pages77
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy