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________________ (१३) : उत्तरः चोवीश. जंबुद्वीप से लवण समुद्र ने चोवीश गुनी जगह रोक दी है. (१८) प्रश्नः इसका क्या कारण ? उत्तरः जंबुद्वीप एक लाख जोजन का है व उसकी दोनों बाजु लवण समुद्र दो दो लाख का है ये सब मिलकर पांच लाख जोजन का व्यास हुवा. अब एक रुपया का जितना व्यास है उससे पांच गुना व्यास का गोल चांदी का पतरा लिया जावे तो उसमें जिस तरह से पच्चीस रुपये बनते हैं उसी तरह से जंबुद्वीप व लवण समुद्र के पांच लाख जोजन के व्यास में से एक लाख जोजन के.व्यास वाले जंबुद्वीप जैसे पच्चीस विभाग होते हैं जिसमें एक भाग में जंबुद्वीप व चोवीश भाग में लवण समुद्र है.* .(१६) प्रश्न: लवण समुद्र की चोतरफ कौन द्वीप है ? उत्तरः धातकी खंड द्वीप. (२०) प्रश्नः धातकी खंड कितना बड़ा है ? उत्तरः उसका पट चार लाख जोजन का है. (२१) प्रश्न: जवुद्वीप.जैसे धातकी खंड में से कितने वि भांग हो सकते हैं ? . शिक्षक को चाहिये कि वह द्रष्टांत-या कोई प्रयोग द्वारा इन सब बातों को समजावे मगर घुकावे नहीं. गोल का क्षेत्रफल की रीत बताने से पढ़े हुवे लड़के जल्दी समज जावेंगे.
SR No.010487
Book TitleShalopayogi Jain Prashnottara 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharshi Gulabchand Sanghani
PublisherKamdar Zaverchand Jadhavji Ajmer
Publication Year1914
Total Pages77
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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