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________________ अथ श्रीसम्यक्त्वशल्योद्धार ग्रंथस्य विषयानुक्रमणिका। नं० विषयाः पृष्टांकाः मंगलाचरणम् हूंढकमतकी उत्पत्ति वगैरह ३ ढूंढकमतकी पट्टावली ढूंढियोंके ५२ प्रश्नोंके उत्तर .... द्वंढियोंके प्रति १२८ प्रश्न - बत्तीससूत्रों के बाहिरके २०४ बोल ढूंढिये मानते हैं २८ बत्तीससूत्रों से कितनेक बोलढूंढिये नहीं मानते हैं ३७ ८ नियुक्ति वगैरह मानना शास्त्रोंमें कहा है .... ४० ९ आर्यक्षेत्रकी मर्यादा ... ... .... ४५ १० प्रतिमाकी स्थितिका अधिकार .... .... ४६ आधाकर्मी आहारकी बाबत ... .... ४९ १२ मुहपत्ती बांधनेसे सन्मूछिम जीवकी हिंसा होती है ५२ १३ यात्रा तीर्थ कहे हैं इसबाबत.... १४ श्रीशत्रुजय शाश्वता है ... .... १५ कयबलिकम्मा शब्दका अर्थ .... सिद्धायतन शब्दका अर्थ ... गौतमस्वामी अष्टापदपर चढे नमुथ्थुणंके पाठकी बाबत १९ चारों निक्षेपे अरिहंत वंदनीक हैं .... १६ सय
SR No.010466
Book TitleSamyaktva Shalyoddhara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAtmanand Jain Sabha
Publication Year1903
Total Pages271
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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