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________________ पहला बोल-१११ असहाय हैं, मैं सेना ले जाकर उन्हे नष्ट कर डालू तो सदा के लिए झगडा ही मिट जाएगा । इस प्रकार विचार कर दुर्योधन गोकुल देखने के बहाने सेना लेकर चला । उसकी इच्छा तो पाण्डवो को नष्ट करने को थी मगर बहाना उसने किया गोकुल' देखने का । पहले के राजा लोग भी गोकूल रखते थे और श्रावक भी गोकुल रखते थे । आनन्द श्रावक के वर्णन मे यह वर्णन कही नही देखा गया कि उसके यहाँ हाथी, घोड़ा या मोटरे थी, इसके विपरीत गायें होने का वर्णन अवश्य देखा जाता है। इस प्रकार पहले के लोग गायो की खूब रक्षा करते थे । मगर आज तो ऐसा जान पडता है मानो लोगो ने गोपालन को हलका काम समझ रखा है। लोग गायो के कत्ल की शिकायत करते है, मगर गहरा विचार करने पर मालूम होगा कि इसका प्रधान कारण यही है कि हिन्दुओ ने गायों का आदर करना छोड दिया है। लोगो को मोटर का पेट्रोल खाना सह्य हो जाता है मगर गाय का घास खाना सह्य नही है। दुर्योधन के हृदय मे पाण्डवो को नष्ट करने की भावना थी परन्तु वह गोकुल का निरीक्षण करने के बहाने सेना के साथ निकला । मार्ग मे दुर्योधन अपनी सेना के साथ गन्धर्व के बगीचे मे उतरा और इस कारण गन्धर्व तथा दुर्योधन के बीच लडाई हो गई । गधर्व बलवान था । उसने सबको जीत लिया और दुर्योधन को जीवित पकडकर बांध दिया। दुर्योधन के एक दूत ने यह सव समाचार पाण्डवो और द्रौपदी के पास पहुँचाए। समाचार सुनकर भीम, अर्जुन और द्रौपदी ने कहा
SR No.010462
Book TitleSamyaktva Parakram 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJawaharlal Acharya, Shobhachad Bharilla
PublisherJawahar Sahitya Samiti Bhinasar
Publication Year1972
Total Pages275
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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