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________________ समयसार प्रवचन भाग १ [ पृष्ठ ४८८ मूल्य ४-७५ ] __ समयसारजी शास्त्र की गाथा १ से १२ ऊपर सत्पुरुष श्री कानजी स्वामी का अपूर्व प्रवचन है । निश्चय-व्यवहार की संधि पूर्वक यथार्थ मोक्षमार्ग की प्ररूपणा उत्तम ढंग से की गई है। यह अच्छी तरह संशोधित दूसरी आवृत्ति है। थोक लेने पर २५% कमीशन दिया जावेगा। समयसार प्रवचन भाग २ पृष्ठ ५२० * मूल्य ५-२५ _____ समयसारजी शाख को गाथा १३ से ३३ तक के प्रवचन इसमें दिये गये हैं। समयसार प्रवचन भाग ३ पृष्ठ ५०० * मूल्य ४-५० समयसारजी शाख की गाथा ३४ से ६८ तक के प्रवचन इसमें दिये गये हैं। समयसारजी मूल ग्रन्थ तथा सं० टीका का अर्थ समझने के लिये ये तीनों भाग अवश्य पढ़ना चाहिये। मोक्षमार्ग प्रकाशक की किरणें | पृष्ठ २२० भाग १ तीसरी आवृति Breaमूल्य १) ORRECENo जिसमें अध्याय एक से पांच तक के ऊपर पू० कानजी स्वामी के प्रवचनों का संग्रह है। प्रथम धर्म की शुरुयात कैसे करें, यह समझने के लिये अत्यन्त सुगम पढ़ने योग्य है।
SR No.010461
Book TitleSamyag Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanjiswami
PublisherDigambar Jain Swadhyay Mandir Trust
Publication Year
Total Pages289
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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