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________________ पल्लीवाल जैन जाति का इतिहास मान है। ये जातियां या तो अभी अशत जैन हैं अथवा पूर्वकाल मे थी। तोसरी श्रेणी मे साठ अन्य वैश्य जातियो को रखा गया है। श्री नवलशाह चदोरिया ने 84 जातियो का वर्गीकरण निम्न प्रकार से किया है साढ़े बारह प्रकार की जन नातियाँ-(1) गोलापूरब, (2) गोलालारे, (3) गोलसिधारे, (4) परवार, (5) जैसवार, (6) टमडे, (7) कठनेरे, (8) खण्डेलवाल, (9) बहरिया, (10) श्री माल, (11) लमेचू, (12) प्रोसबाल (13) अग्रवाल (आधी जाति) जन-लगार वाली जातियाँ- (14) जिनचरे, (15) बाघेल वार, (16) पद्मावती पुरवाल, (17) ठस्सर, (18) गृहपनि, (19) नेमा, (20) असठी, (21) पल्लीवार, (22) पोरवाल, (23) ढढतवाल, (24) माहेश्वरवाल, अन्य वैश्य जातियाँ-(25) पडितवाल, (26) डौडिया, (27) सहेलवाल, (28) हरसौला, (29) गोरवार, (30) नारायना, (31) सीहोरा, (32) भटनागर, (33) चीतोरा (34) भटेरा, (35) हरिपा, (36) धाकरा, (37) वाचनगरिया, (38) मोर (39) वाइडाको, (40) नागर, (41) जलाहर, (42) नरसिहापुरी, (43) कपोला, (44) डोसीवाल, (45) नगेन्द्रा, (46) गोड, (87) श्री गोड, (48) गागड, (49) डाख, (50) डायली, (51) बघनौरा, (52) सौरावान, (53) धन्नेग, (54) कथेरा (55) कोरवाल, (56) सूरीवाल, (57) रेव वार, (50) मिधवाल (59) सिरैया, (60) लाड, (61) लडेलवाल, (62) जोरा, (63) जबूसरा, (64) सेटिया, (65) चतुरथ,
SR No.010432
Book TitlePallival Jain Jati ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnilkumar Jain
PublisherPallival Itihas Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages186
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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