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________________ पल्लीवाल जैन जाति का इतिहास 'सके 1424 मूल सधे सेनगणे भ माणिक सेन उपदेशात् गुजर पल्लीवाल जाति -- -- सघवी नेमा ।।' पारवं प्रभु (बडा) मन्दिर, नागपुर से प्राप्त मूति लेख - (ग) पृष्ठ-५६ लेखाक-~136, चौबीस मूर्ति 'शके 1607 प्रभाव नाम सवत्सरे फाल्गुन वदि 10 भ धर्मचन्द्र उपदेशात् -- - नगरे ज्ञातो उज्वेली पत्लोवार गोदसा भार्या सेमाई प्रणमति ॥' (घ) पृष्ठ-४८ लेखाक-213, चौबीस मूर्ति ‘शक 1626 तारण नाम सवत्सरे माहो सुद 13 शुक्र मूलसघे भ पद्मकीति तत्पटे भ विद्याभूषण तत्पटे भ हेमकीति उपदेशात् उज्जैनी पल्लीवाल ज्ञातीय सिगवो लखम प्रसाद जी भार्या गोमाई - प्रतिष्ठित भीपी नगरे चन्द्रनाथ चैत्यालये - (ड) पृष्ठ-८३ लेखाक-207, सम्यग्दर्शन यत्र 'शके 1601 फाल्गुन सुदी ।। श्री मूलसघे बालात्कार गणे भ श्री पद्मकीनि सदुपदेशात् श्री पद्मावती पल्लीवान्न ज्ञातौ उडनाव कुस्तानी पानसी भार्या मगनाई (३) अनेकान्त, वर्ष १८ पृष्ठ १५३ मे प्रकाशित मूर्ति लेख विदर्भ क्षेत्र के भातकुली नामक स्थान पर स्थित दिगम्बर जैन मन्दिर की भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा पर लेख'सवत् 1515 मूलसघे सेनगणे भ० माणिक सेन पट्टे भ० नेमसेन उपदेशात् गुजर पल्लीवाल सावसेटी " " ....।'
SR No.010432
Book TitlePallival Jain Jati ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnilkumar Jain
PublisherPallival Itihas Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages186
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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