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________________ पल्लीवाल जाति के ऐतिहासिक प्रसग [३५] महत्वपूर्ण लेख तथा मूतिलेख(1) 'सूरत अने सूरत जिल्ला जैन मन्दिरोनो मूर्ति लेख सग्रह' लेखक, सग्रहकर्ता प्रने प्रकाशक-श्री मूलचन्द कसनदास कापडिया (सूरत) (गुजराती भाषा में) मे प्रकाशित । 'महुवा (सूरत) के श्री विघ्नहर पार्श्वनाथ अतिशय क्षेत्र की एक प्रतिमा का आलेखवेदी न०३ (39) मूलनायक सफेद पाषाण रिषभदेव, ऊँचाई 18 इच, माजू बाजू पार्श्वनाथ, अनो वे (दो) कायोत्सर्ग प्रतिमा पडोणाई 16 इन्च दे। लेख - 'स 1390 वर्ष माघ सुदी 10 दशम शनीचर पल्लीवाल ज्ञातीय मकी भार्या भाऊ तत् सुत श्री कुरसी भार्या.. ..।' (आगे लेख पढने मे नहीं आता है ।) (2) 'भट्टारक-सम्प्रदाय' (लेखक-श्री वी पी जोहरापुरकर, नागपुर में प्रकाशित। (क) पृष्ठ १७२ लेखाक -438, ? मूर्ति 'सवत् 1505 वर्षे श्री मूल सधे पद्मनदि देवा-शिष्य देवेद्र कीर्ति तत्शिष्या विद्यानदि शिष्य ब्रह्म धर्मपाल उपदेशात् पल्लीवाल ज्ञातीय स राना भार्या रानी सुत पारिसा भार्या हर्ष प्रणमति ॥' (सिदी, 'अनेकान्त' वर्ष 4, पृष्ठ 502) (ख) सेन गण मन्दिर, नागपुर से प्राप्त भूति लेख पृष्ठ-११ लेखाक-28, अरहत मूर्ति
SR No.010432
Book TitlePallival Jain Jati ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnilkumar Jain
PublisherPallival Itihas Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages186
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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